बिजनौर. एनआईए के अफसर तंजील अहमद की मौत के बाद पहली बार उनके बच्चों ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने बताया कि वह जब भी वह पल याद करते हैं तो उनकी रुह कांप जाती है.
उन्होंने बताया कि उनके पिता को तब तक गोलियां मारी गई जब तक की उनकी जान नहीं निकल गई. इस बीच उनकी बेटी जिमनिश और बेटा शाहबाज कार की पिछली सीट पर दुबके हुए थे.
बेटी जिमसिन कहती हैं, हम रास्ते में हंसी-मजाक करते हुए जा रहे थे. तभी एक बाइक सामने आई और गोलियां बरसाने लगे. पापा ने मुझसे कहा कि हेड डाउन कर सीट के पीछे छिप जाओं.
बेटी ने आगे बताया कि वे गोलियां चलाते जा रहे थे और इस मम्मी के ऊपर भी गोलियां चलाई गई. मुझे ठीक से याद है कि पापा मम्मी की सीट की तरफ झुककर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे. हैरान करने वाली बात बताई कि गोलियां खत्म हो गईं, तब भी वे मारते गए और बंदूक में फिर गोलियां भरकर गोलियां दागी.