प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करने के लिए कांग्रेस पार्टी की खिंचाई करते हुए कहा है कि सरकार ने इसमें जो भी बदलाव किए हैं, वे मुख्यमंत्रियों के अनुरोध पर किए हैं. मोदी ने कहा, "चुनाव सामने था और सत्र पूरा होना था, इसलिए जल्दबाजी में निर्णय हो गया. सरकार बनने के बाद मुझे करीब-करीब सभी मुख्यमंत्रियों ने एक ही बात कही कि भूमि अधिग्रहण विधेयक ठीक करना पड़ेगा, वरना हम काम नहीं कर पाएंगे. हमारे पास लिखित चिट्ठियां हैं."
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करने के लिए कांग्रेस पार्टी की खिंचाई करते हुए कहा है कि सरकार ने इसमें जो भी बदलाव किए हैं, वे मुख्यमंत्रियों के अनुरोध पर किए हैं. मोदी ने कहा, “चुनाव सामने था और सत्र पूरा होना था, इसलिए जल्दबाजी में निर्णय हो गया. सरकार बनने के बाद मुझे करीब-करीब सभी मुख्यमंत्रियों ने एक ही बात कही कि भूमि अधिग्रहण विधेयक ठीक करना पड़ेगा, वरना हम काम नहीं कर पाएंगे. हमारे पास लिखित चिट्ठियां हैं.”
मोदी ने समाचार पत्र ‘दैनिक जागरण’ में सोमवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा है, “भूमि अधिग्रहण विधेयक पर 120 साल बाद विचार हुआ. इतने पुराने कानून पर विचार के लिए 120 घंटे भी लगाए थे क्या? नहीं लगाए थे. इसमें सिर्फ कांग्रेस ही दोषी नहीं है. भाजपा भी दोषी है क्योंकि हमने साथ दिया था.” मई 2014 में सत्ता संभालने वाले मोदी ने यह स्वीकार किया यह उनकी सरकार की विफलता रही कि किसानों में जो भी भ्रांतियां थी उसे दूर नहीं कर पाए और विपक्ष हमारे खिलाफ प्रचार करने में सफल रहा.
मोदी ने कहा, “हमारी सरकार ने पिछले एक साल में गरीबों के लिए कदम उठाए हैं, जिससे पूरे देश की तस्वीर बदल जाएगी.” प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस जब एक दशक तक सत्ता में थी उसने कुछ नहीं किया. अब लोकसभा चुनाव में हार के बाद वह इसे स्वीकार भी नहीं कर पा रही है. हमारी सरकार मजबूत प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है और इससे देश की तस्वीर पांच से सात साल में बदल जाएगी. इससे कांग्रेस की रातों की नींद उड़ गई है.”
IANS