हिमाचल में कांग्रेस सरकार पर कोई राजनीतिक संकट नहीं: अंबिका

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने हिमाचल प्रदेश में किसी तरह के राजनीतिक संकट की बात खारिज कर दी. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव सोनी का बयान, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में बंद कमरे में हुई उनकी एक बैठक के बाद आया है. यह बैठक कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में भी उत्तराखंड जैसे राजनीतिक हालात पैदा होने की किसी संभावना का आकलन करने के लिए आयोजित की गई थी.

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हिमाचल में कांग्रेस सरकार पर कोई राजनीतिक संकट नहीं: अंबिका

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  • April 3, 2016 2:18 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने हिमाचल प्रदेश में किसी तरह के राजनीतिक संकट की बात खारिज कर दी. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव सोनी का बयान, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में बंद कमरे में हुई उनकी एक बैठक के बाद आया है. यह बैठक कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में भी उत्तराखंड जैसे राजनीतिक हालात पैदा होने की किसी संभावना का आकलन करने के लिए आयोजित की गई थी. 
 
सोनी ने राज्य समन्वयन समिति की बैठक के बाद कहा, “हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का बीजेपी का प्रयास कभी सफल नहीं होगा.” सोनी ने कहा कि उत्तरखंड में जो कुछ हुआ वह लोकतंत्र पर हमला था. उन्होंने हालांकि साफ किया कि हिमाचल में कांग्रेस में किसी तरह का कोई संकट नहीं है. उत्तराखंड संकट के लिए बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए सोनी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी के गैर लोकतांत्रिक रवैए के खिलाफ पूरे राज्य में विकास खंड स्तर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी.
 
वीरभद्र सिंह के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी जांच के संबंध में सोनी ने कहा, “यह मामला न्यायाधीन है, क्योंकि 2011 से जांच चल रही है और हम इसका सामना कर रहे हैं और कोई कानून से भाग नहीं रहा है.” कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं की राय जानने के लिए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की समन्वयन समिति की बैठक बुलाई थी. 
 
बैठक में जिन अन्य लोगों ने हिस्सा लिया, उनमें कैबिनेट मंत्री विद्या स्टोक्स, कौल सिंह, जी.एस. बाली, सुजान सिंह पठानिया और मुकेश अग्निहोत्री के अलावा राज्यसभा सदस्य विप्लव ठाकुर और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुखविंदर सुखू शामिल थे. विधानसभा में 31 मार्च को 2016-17 का बजट पारित होने के बाद विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि विपक्ष द्वारा पेश किए गए कटौती प्रस्ताव न तो वापस लिए गए और न खारिज ही किए गए.

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