30 मार्च को दिल्ली में होने वाले आईसीसी वर्ल्ड टी-20 के पहले सेमीफ़ाइनल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सोमवार शाम तक भी डीडीसीए को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. वहीं आईसीसी ने भी डीडीसीए से जल्दी जवाब मांगा है.
नई दिल्ली. 30 मार्च को दिल्ली में होने वाले आईसीसी वर्ल्ड टी-20 के पहले सेमीफ़ाइनल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सोमवार शाम तक भी डीडीसीए को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. वहीं आईसीसी ने भी डीडीसीए से जल्दी जवाब मांगा है.
आईसीसी ने डीडीसीए को सेमीफ़ाइनल मैच के लिए सभी क्लियरेंस लेने के लिए रविवार शाम तक का समय दिया था, जिसे डीडीसीए ने गुज़ारिश कर सोमवार शाम तक करने को कहा, लेकिन अभी भी उसे राहत नहीं मिली है.
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने फ़िरोज़शाह कोटला मैदान के पुराने क्लब हाउस आरपी मेहरा ब्लॉक के लिए सर्टिफ़िकेट देने से मना कर दिया है. डीडीसीए का कहना है कि एसडीएमसी को कोई दिक्कत नहीं लेकिन ये सब जस्टिस मुद्गल की रिपोर्ट की वजह से हो रहा है, जिसमें उन्होंने इस ब्लॉक के टिकट बेचने के लिए मना कर दिया था, जस्टिस एके पाठक ने साफ़ किया है कि जब तक क्लियरेंस नहीं मिल जाता तब तक मैच नहीं हो सकता.
मामला फ़िलहाल डिवीज़न बेंच को सौंप दिया गया है, डीडीसीए की तरफ़ से दी गई दलील में ये साफ़ कहा गया कि इस ब्लॉक का निर्माण 1996 में हुआ था और तब से अब तक इसके क्लियरेंस में कोई दिक्कत नहीं आई और ये नियमों के अनुसार ही निर्मित है लेकिन जस्टिस मुद्गल के बीसीसीआई को लिखे पत्र के चलते इसका सर्टिफ़िकेट नहीं दिया जा रहा.
ये जवाब जस्टिस पाठक के ये कहने पर आया जब उन्होंने कहा कि आरपी मेहरा ब्लॉक का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर किया गया. दिल्ली से ये मैच अब बेंगलुरु या फिर मोहाली को दिया जा सकता है.