नई दिल्ली. देशद्रोह के आरोप पर रिहा हुए जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. जानकारी के अनुसार कन्हैया की जमानत रद्द भी हो सकती है.
बता दें कि कन्हैया 6 महीने की अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा हुए हैं लेकिन उनकी इस जमानत के खिलाफ कोर्ट में याचिका डाली गई है. याचिका में कहा गया है कि रिहा होने के बाद कन्हैया ने नियम कानून का पालन नहीं किया है और जो भी भाषणबाजी की है उसमें देश विरोधी बातें भी की गईं हैं. याचिका में कन्हैया की जमानत रद्द करने की मांग की गई हैं.
याचिकाकर्ता प्रशांत कुमार उमराव ने आरोप लगाया कि कन्हैया लगातार राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लगा है, क्योंकि उसने सार्वजनिक रूप से यह आरोप लगाया कि भारतीय सशस्त्र सेना के जवान कश्मीर में महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं.
सेना के लिए क्या बोला कन्हैया ने?
कन्हैया कुमार ने सेना के ऊपर एक विवादित बयान देकर फंस गए. कन्हैया ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर में सेना महिलाओं के साथ बलात्कार करती है, सुरक्षा के नाम पर जवान महिलाओं का आए दिन बलात्कार करते रहते हैं.
हालांकि कन्हैया ने ये भी कहा कि वो सुरक्षाबलों का सम्मान करता है लेकिन जब उसने कश्मीर का जिक्र किया तो कहा कि वहां सेना बलात्कार करती है. कन्हैया ने कश्मीर में सेना को लेकर कहा कि हम सुरक्षाबलों का सम्मान करते हुए भी बोलेंगे कि कश्मीर में सेना द्वारा बलात्कार किया जाता है. हमारे आपस में मतभेद हैं लेकिन इस देश को बचाने और इस देश के संविधान को बचाने में हमारे कोई मतभेद नहीं है. हम आजाद हिन्दुस्तान में समस्याओं से आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
क्या है मामला?
बता दें कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी का विरोध करने के लिए जेएनयू में नौ फरवरी को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम के दौरान भारत विरोधी नारे लगाए गए, जिसके बाद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 12 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसे छह महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया.