नई दिल्ली. अपने आंदोलन को एक कदम आगे ले जाते हुए जेएनयू छात्र देशद्रोह के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, एसएआर गिलानी की रिहाई की मांग करते हुए आज संसद की तरफ मार्च करेंगे. तीन मार्च को जमानत पर रिहा छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के भी मार्च में शामिल होने की संभावना है. यह मार्च दोपहर में दो बजे मंडी हाउस से शुरू होगा.
हॉस्टल वार्डनों को भेजा नोटिस
जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष शहला राशिद शोरा ने कहा कि बेंगलूरू और हैदराबाद में भी इसी तरह का प्रदर्शन होगा जहां पर छात्रों के खिलाफ प्रतिशोध के विरोध में यूनिवर्सिटी हमारे समर्थन में आया है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के हॉस्टल वार्डनों को नोटिस भेजा है और उनसे जांच अधिकारियों को दोनों का लैपटॉप सौंपने को कहा है. दोनों राजद्रोह के आरोप का सामना कर रहे हैं.
लैपटॉप सौंपने को कहा?
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक आधिकारिक स्रोत के माध्यम से वार्डनों को नोटिस भेजा गया और हमने उनसे उमर और अनिर्बान का लैपटॉप सौंपने को कहा है. यह जांच में महत्वपूर्ण सुराग प्रदान कर सकता है. मामला दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को अपनी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले पूर्व पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने सौंपा था.
क्या मामला था?
12 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राजद्रोह और आपराधिक साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. यह मामला जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारेबाजी को लेकर दर्ज किया गया था. बाद में उमर और अनिर्बान ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था और अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
उमर-अनिर्बान ने छपवाए पोस्टर
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक जांच से यह बात सामने आई है कि उमर और अनिर्बान पोस्टर छपवाने और उसे वितरित करने में शामिल थे. लैपटॉप उस संबंध में सबूत प्रदान कर सकते हैं. खालिद पीएचडी की पढ़ाई कर रहा है और ताप्ती हॉस्टल में रहता था जबकि अनिर्बान ब्रह्मपुत्र हॉस्टल में रहता था.
कारण बताओ नोटिस किया जारी
इससे पहले जेएनयू कमेटी ने कन्हैया कुमार समेत पांच छात्रों को जेएनयू से निकालने की सिफारिश की है. सूत्रों के मुताबिक 5 छात्रों में कन्हैया के अलावा अनिर्बान और उमर खालिद के भी नाम हैं. इससे पहले आज दिन में कमेटी ने 21 छात्रों को कारण बताओ नोटिस भेजा था. जांच समिति ने उन्हें अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ परिसर में एक कार्यक्रम के संबंध में नियमों के ‘उल्लंघन का दोषी’ पाया है. इस कार्यक्रम में कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगे थे.
उमर ने कश्मीर व पाक में की थी बात
उमर के खिलाफ स्पेशल सेल को कई सुबूत मिले हैं. उसका पिता भी प्रतिबंधित संगठन सिमी का मुखिया रह चुका है. उसके मोबाइल की कॉल डिटेल से पता चला है कि घटना से पहले उसकी कश्मीर के अलावा पाकिस्तान व अन्य देशों में काफी बात हुई थी.