नई दिल्ली. ब्रिटिश नागरिकता के मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी का कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को नोटिस भेजा है. कमेटी ने नोटिस जारी करके राहुल से पूछा है कि क्या कभी उन्होंने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है? क्या उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है. इस कमेटी के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी हैं.
सुब्रह्ण्यम स्वामी की याचिका पर आडवाणी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने यह सवाल पूछा है. राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर नया राजनीतिक विवाद खड़ा होता दिखाई दे रहा है. लोकसभा की 11 सदस्यीय एथिक्स कमेटी ने राहुल गांधी से इस बात का जवाब मांगा है कि क्या उन्होंने कभी खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया था.
महेश गिरी ने की शिकायत
दरअसल इस बात की शिकायत पहले बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने की थी और बाद में ऐसी ही शिकायत महेश गिरी ने भी की. शिकायत मिलने के बाद इस मामले को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आडवाणी की अगुवाई वाली एथिक्स कमेटी को भेज दिया था.
व्यक्तिगत दुश्मनी निकाल रही है BJP
कांग्रेस का आरोप है कि इस मामले में बीजेपी व्यक्तिगत दुश्मनी निकाल रही है. वहीं कांग्रेस की ओर से यह भी कहा गया है कि लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी की सफाई सुने बिना ही मामले को समिति के पास भेज दिया.
स्वामी ने दिखाए सबूत
स्वामी द्वारा जारी किए गए कंपनी के कागजों में राहुल गांधी को ब्रिटिश कंपनी में निदेशक और सचिव के रूप में दिखाया गया है और उनकी नागरिकता ब्रिटिश बताई गई है. बैकऑप्स लिमिटेड नाम की इस कंपनी के 2005-06 के वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है. स्वामी ने यह दावा ब्रिटेन के कंपनी लॉ अथॉरिटी से हासिल कागजों के आधार पर किया. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से उसी कंपनी के कागजों को दिखाकर बताया गया कि राहुल गांधी ने खुद को भारतीय दर्शाया है. पार्टी ने ब्रिटिश नागरिकता वाली बात को टाइपिंग गलती बताया.
राहुल ने आरोपों से किया खारिज
वहीं, राहुल गांधी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती दी थी कि वह इस मामले की जांच कराए और कुछ अगर वे दोषी साबित होते हैं तो उन्हें जेल में डाल दिया जाए.