भूमि विधेयक को लेकर आज होगी BJP संसदीय समिति की बैठक

भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर जारी उलझन दूर करने के लिए बीजेपी सांसद एस.एस.अहलूवालिया की अध्यक्षता वाली समिति की सोमवार को बैठक होनी है. अंग्रेजों के जमाने के कानून की व्यवस्थागत खामियों को दूर करने के लिए 2014 में एक नया कानून लागू किया गया था. इसी कानून में सुधार के लिए विधेयक पर आम सहमति बनानी है.

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भूमि विधेयक को लेकर आज होगी BJP संसदीय समिति की बैठक

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  • March 14, 2016 2:43 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर जारी उलझन दूर करने के लिए बीजेपी सांसद एस.एस.अहलूवालिया की अध्यक्षता वाली समिति की सोमवार को बैठक होनी है. अंग्रेजों के जमाने के कानून की व्यवस्थागत खामियों को दूर करने के लिए 2014 में एक नया कानून लागू किया गया था. इसी कानून में सुधार के लिए विधेयक पर आम सहमति बनानी है. सूत्रों ने बताया कि 21 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति की ‘भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा एवं पारदर्शिता, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन (द्वितीय संशोधन) विधेयक-2015’पर अत्यंत महत्वपूर्ण दौर की वार्ता होनी है.
 
समिति के एक सदस्य ने बताया कि इस सुधार विधेयक के बारे में राज्यों से मिले जवाब की प्रति कमेटी के सदस्यों को पहले ही दे दी गई है. इस संयुक्त संसदीय समिति के कार्यकाल का पिछले साल 16 दिसंबर को विस्तार किया गया था. इस कानून के बारे में राज्य सरकारों के जवाब समय पर नहीं मिल सके थे.
 
यह विधेयक 2015 के मार्च में ही लोकसभा में पारित हो गया था लेकिन यह राज्यसभा में सरकार का बहुमत न होने की वजह से रुक गया था. तब इसे पिछले साल मई में संयुक्त संसदीय समिति के हवाले कर दिया गया था. 
 
इस विधेयक के जरिये यूपीए सरकार द्वारा साल 2013 में बने भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन किया जाना है. यह कानून साल 2014 के जनवरी से लागू हुआ था. उससे पहले अंग्रेजों के जमाने का भूमि अधिग्रहण कानून, 1894 ही लागू था. आम सहमति बनाने के लिए इस कमेटी के कार्यकाल को कई बार बढ़ाया जा चुका है लेकिन सहमति नहीं बन पाई है. 
 
एनडीए सरकार ने विधेयक में कुछ बुनियादी बदलाव किए थे. इनमें किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा भी शामिल था. देश स्तर पर राजनैतिक विरोध के बाद सरकार ने अपने कदम वापस खींच लिए थे. 
 
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंदर सिंह ने इस बात से इनकार किया है कि इस संवेदनशील विधेयक पर सरकार के रुख में कोई नरमी आई है. इस समिति में शामिल बीजेपी के सदस्यों ने भी मंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए ही कहा है कि सरकार ने इस मुद्दे पर न तो कदम पीछे खींचे हैं और न ही आगे बढ़ाएं हैं. विधेयकों पर बहस उनकी गुणवत्ता सुधारने के लिए होती है.

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