इस्लामाबाद. पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) सरकार ने कश्मीर अलगाववादी नेता मकबूल भट्ट की किताबों के साथ ही 14 और किताबों पर बैन लगा दिया है. पीओके में जिन किताबों को बैन किया गया है उनमें ज्याघदातर किताबें कश्मीर की आजादी की बात की गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीओके को गृह मंत्रालय की ओर से किताबों को बैन करने के ऑर्डर्स आए थे.
इन किताबों में साल 1947 में विभाजन के समय कश्मीर घाटी में कबायलियों के दाखिल होने और उनके गैर मुस्लिमों पर अत्याचार की घटनाओं सहित महाराजा कश्मीर के अलग राज्य के गठन को रोकने की कोशिशों के बारे में लिखा गया है.
भट्ट की दो किताबों पर बैन
भट्ट की जिन दो किताबों को बैन किया गया है उनमें, ‘मैं कौन हूं’ और ‘श्रीनगर जेल से भागने की कहानी’ के अलावा भट्ट पर लिखी गई एक और किताब ‘मक़बूल बट दि लाइफ एंड स्ट्रगल’ भी शामिल है. आपको बता दें कि मकबूल भट को तिहाड़ जेल में 32 वर्ष पहले फांसी दी गई थी.
‘बैन को तुरंत खत्म करें’
वहीं किताबों पर लगे बैन पर कश्मीर के अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) नेता यासीन मलिक ने कहा है कि पाकिस्तान का संविधान भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है. यासीन के मुताबिक अगर आप किसी की बात को पसंद नहीं करते हैं. तो भी आप उसके बोलने पर पाबंदी नहीं लगाते हैं. यह लोकतंत्र के खिलाफ है और इस बैन को तुरंत खत्म किया जाना चाहिए.
बता दें कि साल 11 फरवरी को कश्मीर में अलगाववादी उसके समर्थन में इस दिन को मनाते हैं. यही नहीं बल्कि मकबूल भट्ट को कश्मीर में फादर आफ कश्मीर नेशन भी कहा जाता है.