भोपाल. मध्य प्रदेश बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा के दौरान उस वक्त बवाल मच गया. जब प्रश्नपत्र में जाति को लेकर आरक्षण का सवाल सामने आया. इसके साथ ही राजनीतिक हलचल भी शुरू हो गई है. आरक्षित वर्ग ने इस प्रश्न पर विरोध जताया है. वहीं इस मामले पर प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. बता दें कि इसे लेकर आज मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस ने हंगामा भी किया. जिसके चलते 10 मिनट के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा. इसके अलावा प्रदेश में कई जगह प्रदर्शन कर आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग भी की है.
क्या है पूरा मामला?
12वीं की वार्षिक परीक्षा में हिंदी सामान्य का पेपर 5 मार्च को हुआ था. इस पेपर के 10 अंक के प्रश्न नंबर 28 में निबंध के लिए पांच विषय विकल्प के रूप में थे. निबंध 200 शब्दों में लिखना था. इन्हीं विकल्पों में से एक विकल्प था ‘जातिगत आरक्षण देश के लिए घातक’ जिस पर निबंध लिखना था. इसकी जानकारी जैसे ही एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को लगी. उन्होंने राज्य स्कूल शिक्षा मंत्री से सीधे तौर पर इसकी शिकायत की.
दोषी पाए गए टीचर होंगे सस्पेंड
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि हिंदी के पेपर में जातिगत आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी टीचर ने पेपर सेट किया है तो उसे उसी वक्त सस्पेंड कर दिया जाएगा. इसके अलावा अगर किसी प्राइवेट स्कूल के शिक्षक ने पेपर बनाया है तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस का आरोप
वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान की मूल भावना को छेड़ने की कोशिश हो रही है. इस पर स्थगन प्रस्ताव के जरिये सदन में चर्चा हो. साथ ही कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताते हुए यह भी कहा कि बीजेपी युवा और नई पीढ़ी को आरक्षण के नाम बरगला रही है. बोर्ड में इस तरह के सवाल पूछकर बीजेपी अपनी मानसिकता का परिचय दे रही है.