चेहरे पर हैं मशरुम जैसे बड़े दाने, कराया ऑपरेशन लेकिन पड़ गया उल्टा

32 साल के कीनन पैटोन जिसे लोग मशरुम हेड के नाम से बुलाते हैं उसके लिए मुसीबत खत्म होने की बजाय बढ़ गई है. बता दें कि उसके चेहरे पर 'केलॉइड्स' (मशरुम जैसे बड़े-बड़े दानें) निकले हुए हैं जिसका उसने ऑपरेशन कराया है. उनका सोचना था कि इस ऑपरेशन से कीनन को केलॉइड्स से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा.

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चेहरे पर हैं मशरुम जैसे बड़े दाने, कराया ऑपरेशन लेकिन पड़ गया उल्टा

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  • March 2, 2016 12:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
शिकागो. 32 साल के कीनन पैटोन जिसे लोग मशरुम हेड के नाम से बुलाते हैं उसके लिए मुसीबत खत्म होने की बजाय बढ़ गई है. बता दें कि उसके चेहरे पर ‘केलॉइड्स’ (मशरुम जैसे बड़े-बड़े दानें) निकले हुए हैं जिसका उसने ऑपरेशन कराया है. उनका सोचना था कि इस ऑपरेशन से कीनन को केलॉइड्स से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा. 
 
ऑपरेशन के बाद कीनन के चेहरे पर दुबारा केलॉइड्स निकलना शुरु हो गया और इस बार इनका साइज पहले से और बड़ा हो चुका था. कीनन ने बताया ‘केलॉइड्स के दुबारा निकलने से मैं और भी परेशान हो गया और रेडियेशन ट्रिटमेंट के लिए डॉक्टर के पास गया.
 
डॉक्टर ने कहा कि ऐसा मेरे डॉइबेटीज के वजह से हो रहा है’. कीनन नें बताया मैंनें यह ऑपरेशन सिर्फ अपने वेडिंग के लिए कराया था लेकिन ऑपरेशन के बाद यह ज्यादा फैलने लगी.
 
बता दें कि कीनन ने 32 साल के मोनिक्यू जैक्सन से वेडिंग किया है. कीनन और जैक्सन पिछले साल फेसबुक के जरिए मिले थें. इसके बाद इन दोनों में चैटिंग शुरु हुई. कीनन कहते हैं ‘मैंने केलॉइड्स के बारे में जैक्सन को बताया, लेकिन जैक्सन ने केलॉइड्स को हमारे प्यार के बीच में नहीं आने दिया. जैक्सन ने मुझे ऐसे ही अपनाया.
 
बता दें कीनन जब 11 साल के थें तब उन्हें चिकन पॉक्स हुआ था और इसके बाद से ही कीनन के चेहरे पर केलॉइड्स का निकलना शुरु हुआ. कीनन अपने इस नाम और केलॉइड्स को लेकर एक किताब भी लिखने वाले हैं. 
केलॉइड स्केयरिंग क्या है ?
 
जब कोई जख्म ढेले नुमा बन जाता है, उसे केलॉइड्स कहते हैं. यह किसी भी इंसान को हो सकता है, लेकिन इसकी संभावना ज्यादातर  अफ्रिकन, अफ्रिकन-कैरिबीयन और दक्षिण भारत के लोगों में ज्यादा रहती है. यह शरीर पर किसी भी जगह हो सकता है, लेकिन ज्यादातर कंधों, गले और सिर पर होता है. 
 
एक्सपर्टस अबतक यह पूरी तरह से नहीं जान पाए हैं कि आखिर ये केलॉइड्स क्यों होते हैं. लेकिन उनका कहना है, केलॉइड्स संक्रामक नहीं होता है, और इससे कैंसर का कोई खतरा नहीं होता है.

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