नई दिल्ली. इशरत जहां मुठभेड़ मामले में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने उस हलफनामें को सही ठहराया है. जिसमें यह लिखा गया था कि चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने वाले हलफनामे को बदल दिया था.
चिदंबरम ने स्वाकार करते हुए कहा कि बदलाव सही किए थे. वह बदलावों के लिए जिम्मेदार हैं. साथ ही चिदंबरम ने दावा करते हुए यह भी कहा कि हलफनामें में बदलाव के लिए पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई भी बराबर के जिम्मेदार थे. चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय में इस बात पर अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि पिल्लई जी ने हलफनामा मुद्दे से स्वयं को अलग कर लिया है. जबकि वह समान रूप से जिम्मेदार हैं.
‘हलफनामे को सही करना मेरा कर्तव्य था’
चिदंबरम ने कहा कि उस हलफनामे को सही करना उनका कर्तव्य था. जिसे उनकी मंजूरी के बिना तैयार किया गया था और जिसकी गलत व्याख्या की जा रही थी. साथ ही चिदंबरम ने यह भी कहा कि दूसरा हलफनामा इसलिए देना पड़ा क्योंकि पहला हलफनामा स्पष्ट नहीं था.
‘एजेंसियों की ओर से एकत्रित सूचनाएं सबूत नहीं’
इसके अलावा चिदंबरम ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की मुख्य चिंता केंद्रीय एजेंसियों की ओर से एकत्रित सूचना थी. ऐसी सूचनाएं निर्णायक सबूत नहीं बनाती. ये राज्य सरकार के लिए कार्य करने के लिए होती हैं.
‘यह बिल्कुल सही हलफनामा है’
साथ ही चिदंबरम ने इसको लेकर आश्चर्य जताते हुए कहा कि दूसरे हलफनामे का कौन सा हिस्सा गलत है ? यह बिल्कुल सही हलफनामा है. तत्कालीन मंत्री के तौर पर मैं जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं.
पिल्लई ने दी सफाई
इस मामले में सफाई देते हुए पिल्लई ने कहा कि फाईल चिदंबरम के पास आई थी, इसलिए मैंने बदलावों का कोई विरोध नहीं किया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हलफनामा बदलने का निर्णय राजनीतिक स्तर पर लिया गया.