सरकार ने मानी हार्दिक पटेल की सारी शर्तें, जेल में तोड़ा अनशन

पटेल आरक्षण आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल ने गुजरात की जेल में बीजेपी सांसद विट्ठल भाई राडाडिया के साथ भोजन कर अपना आमरण अनशन तोड़ दिया. पोरबंदर से बीजेपी सांसद राडाडिया गुजरात सरकार और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के बीच समझौते के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं.

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सरकार ने मानी हार्दिक पटेल की सारी शर्तें, जेल में तोड़ा अनशन

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  • February 28, 2016 2:33 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
अहमदाबाद. पटेल आरक्षण आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल ने गुजरात की जेल में बीजेपी सांसद विट्ठल भाई राडाडिया के साथ भोजन कर अपना आमरण अनशन तोड़ दिया. पोरबंदर से बीजेपी सांसद राडाडिया गुजरात सरकार और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के बीच समझौते के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं. 
 
बता दें कि हार्दिक पटेल देशद्रोह के आरोप में विगत छह माह से न्यायिक हिरासत में सूरत की जेल में हैं. पटेल समुदाय के लोगों को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग के लिए दबाव बढ़ाने हेतु हार्दिक विगत 18 फरवरी से जेल में आमरण अनशन पर थे. विवादास्पद पटेल आरक्षण के मुद्दे पर गुजरात सरकार से बात कर रहे राडाडिया ने 35 सूत्री कार्य सूची भी बनाई है, जिन पर उन्होंने शुक्रवार को हार्दिक से भी चर्चा की थी.
 
उन्होंने कहा कि हार्दिक इनमें से कुछ पर सिद्धांत रूप से सहमत हैं. उन्होंने कहा,”आज भी हार्दिक से इन पर चर्चा हुई. आंदोलनकर्ता पटेलों के मामले वापस लेने सहित 27 मुद्दों में से ऐसे शैणिक संस्थानों की स्थापना जहां पटेल छात्रों से बिना डोनेशन लिए प्रवेश मिले और किसानों से संबंधित मुद्दों और रोजगार सृजन पर वह सहमत दिखे.”
 
हार्दिक की मांगों के बारे में उन्होंने कहा कि कुछ मांगों को बजट में भी जगह दी गई है, लेकिन पटेलों को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आरक्षण देने का मसला चर्चा का विषय है. लेकिन सभी मुद्दों का हल अगले दो-तीन दिनों में ढूढ़ लिया जाएगा.
 
हालांकि हार्दिक पटेल ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है. लेकिन पटेल अनामत आंदोलन समिति के प्रवक्ता ने कहा कि जब तक पटेलों के आरक्षण की मांग के संदर्भ में सरकार लिखित रूप से आयोग गठन करने का आश्वासन नहीं देगी, तब तक सभी वार्ता लॉलीपॉप के समान ही हैं.

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