राजधानी के लोगों को पीने का पानी मुहैया कराने वाली मुनक नहर की मरम्मत और पानी की सप्लाई बहाल करने के लिए दायर दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है.
नई दिल्ली. राजधानी के लोगों को पीने का पानी मुहैया कराने वाली मुनक नहर की मरम्मत और पानी की सप्लाई बहाल करने के लिए दायर दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है.
अदालत ने कहा कि मुनक नहर की मरम्मत का काम जल्दी पूरा हो साथ ही नहर की सुरक्षा के इंतजाम भी किए जाएं. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस काम में दिल्ली सरकार की मदद करे.
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वे मुनक नहर के मरम्मत का काम कर रहे हैं. जो 15 दिन में पूरा कर लिया जाएगा. अगर दिल्ली सरकार इस काम में मदद करती है तो मरम्मत एक हफ्ते में पूरी हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हरियाणा सरकार से पूछा कि जो भी मरम्मत का काम हो रहा है, उसका खर्च हरियाणा क्यों उठा रहा है. ये खर्च दिल्ली सरकार को उठाना चाहिए. इस पर हरियाणा सरकार ने कहा कि हालात आपातकालीन हैं और ऐसे में राज्य सरकार दिल्ली को जल आपूर्ति बहाल करने के प्रयास में है ना कि ऐसी बातों पर विचार करने के लिये.
वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कोई स्थायी हल निकाले. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले का स्थायी हल संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल दोनों राज्य मिलकर काम करें और ये कोशिश करें कि जल्द से जल्द दिल्ली में पानी की पूरी सप्लाई बहाल हो जाए.
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा में मुनक नहर के मामले पर दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. दरअसल जाट आंदोलन के दौरान इस नहर पर कब्जा कर लिया गया था जिससे दिल्ली का पानी बंद हो गया था.
दिल्ली सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा था. हालांकि कोर्ट ने दिल्ली सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि मंत्री जमीन पर जाने की बजाए कोर्ट आने में सहूलियत समझते हैं.