वित्त मंत्री अरुण जेटली और माकपा नेता सीताराम येचुरी ने गुरुवार को राज्यसभा में जेएनयू विवाद और हैदराबाद में रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में बहस में भाग लिया. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रवाद पर हुई बहस में सवाल किया कि क्या हम ऐसे लोगों को समर्थन दे रहे हैं, जिनकी सोच ही इस देश के टुकड़े करने की है.
नई दिल्ली. वित्त मंत्री अरुण जेटली और माकपा नेता सीताराम येचुरी ने गुरुवार को राज्यसभा में जेएनयू विवाद और हैदराबाद में रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में बहस में भाग लिया.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रवाद पर हुई बहस में सवाल किया कि क्या हम ऐसे लोगों को समर्थन दे रहे हैं, जिनकी सोच ही इस देश के टुकड़े करने की है. क्या कोई कह सकता है कि मकबूल भट्ट और अफजल गुरु को फांसी दिए जाने वाले दिन को याद करते हुए उनका शहीदी दिवस मनाया जाए.
जेटली ने कहा कि एचसीयू और जेएनयू में जिस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए, हमें उन्हें लेकर अपनी सोच स्पष्ट करनी चाहिए. जेटली ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, जेएनयू जाने से पहले आपको सोचना चाहिए था, आप तो काफी समय तक सत्ता में रहे हैं. हम तो नए-नए आए हैं. आपके दो नेताओं को आतंकवादियों ने मारा है, आपको इस मामले में हमसे ज्यादा संवेदशील होना चाहिए.
जेटली के एक आरोप पर जवाब देते हुए सीताराम येचुरी ने कहा कि मंत्री ने देश के टुकड़े करने की बात करने वालों के समर्थन की बात कही, जबकि हमने अल्ट्रा लेफ्टिज्म को मेन स्ट्रीम में लाने में मदद की.
बहस में हस्तक्षेप करते हुए जेटली ने कहा कि इस बारे में कोई विवाद नहीं है जब आप कहते हैं कि यूनिवर्सिटी में स्वतंत्र विचारों की इजाजत होनी चाहिए लेकिन इसके साथ वैचारिक दृष्टिकोण भी है. इस वैचारिक दृष्टिकोण के तहत इस स्तर की असहनशीलता क्यों दिखाई जा रही है.
इससे पहले येचुरी ने बहस की शुरुआत करते हुए जेएनयू विवाद में मोदी सरकार पर पक्षपातपूर्ण हस्तक्षेप का आरोप लगाया. यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारेबाजी के बाद कुछ छात्रों पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है.
येचुरी ने कहा कि राष्ट्रवाद के नाम पर यूनिवर्सिटी को दंडित किया जा रहा है. मेरी राय में यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आप हमें देशभक्ति का पाठ नहीं पढ़ाएं.