‘मुसलमानों पर शक किया गया तो भारत से अलग हो जाएगा कश्मीर’

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए का कि अगर देश के मुसलमानों को संदेह से देखना बंद करें. उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों के खिलाफ पेश करने वाली ताकतों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो भारत कश्मीर को साथ नहीं रख पाएगा. उन्होंने सांप्रदायिक तत्वों पर लगाम लगाने की ताकीद की.

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‘मुसलमानों पर शक किया गया तो भारत से अलग हो जाएगा कश्मीर’

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  • February 25, 2016 5:27 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए का कि अगर देश के मुसलमानों को संदेह से देखना बंद करें. उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों के खिलाफ पेश करने वाली ताकतों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो भारत कश्मीर को साथ नहीं रख पाएगा. उन्होंने सांप्रदायिक तत्वों पर लगाम लगाने की ताकीद की.
 
‘मुसलमान नहीं हैं देश के दुश्मन’
अब्दुल्ला ने नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ताओं से कहा कि भारत में ऐसा तूफान खड़ा किया जाता है जो खतरे की घंटे की है और अगर हम इसे नहीं समझते हैं और हिंदुओं को मुसलमानों से लड़ाना जारी रखते हैं तो केंद्र कश्मीर को साथ नहीं रख सकते. अब्दुल्ला ने आगे कहा कि यह सच्चाई है चाहे आप इसे पसंद नहीं करते हों. अब्दुल्ला ने कहा कि मुसलमान देश के दुश्मन नहीं है, लेकिन उनको अब भी संदेह की नजर से देखा जाता है.
 
‘मुसलमानों के दिल में रहता है भारत’
अब्दुल्ला ने कहा कि मुसलमान को संदेह की नजर से देखा जाता है. क्या मुसलमान भारतीय नहीं है? क्या उसने कोई कुर्बानी नहीं दी. इसके अलावा अब्दुल्ला ने  1947 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए ब्रिगेडियर उस्मान को याद करते हुए कहा कि आप उन सैनिकों को भूल गए जो मुसलमान थे और देश के लिए आज भी लड़ रहे हैं. अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि उन तत्वों पर काबू करना चाहिए जो मुसलमानों को दुश्मन बताते हैं. उन्होंने कहा कि भारत मुसलमानों के दिल में रहता है.
 
‘समाज को गलत दिशा में न ले जाएं’
अब्दुल्ला ने अपील करते हुए यह भी कहा कि खुदा के लिए देश को उस दिशा में मत ले जाइए जहां हम मुसलमान और हिंदू को अलग-अलग रखते हों. यह वो भारत नहीं होगा जिसका निर्माण महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, शेर-ए-कश्मीर शेख अब्दुल्ला, जवाहर लाल नेहरू और दूसरे लोगों ने किया है.

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