सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आज कड़े लहजे में पूछा है कि जजों की न्युक्ति की नई संस्था NJAC की स्वतंत्रता का ख्याल कैसे रखा जाएगा. बता दें कि जजों की न्युक्ति के कोलोजियम सिस्टम को हटाकर यह नई व्यवस्था लागू की जानी है. इस नई व्यवस्था में जजों की नियुक्ति में सरकार की भी भागीदारी सुनिश्चित की गयी है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आज कड़े लहजे में पूछा है कि जजों की न्युक्ति की नई संस्था NJAC की स्वतंत्रता का ख्याल कैसे रखा जाएगा. बता दें कि जजों की न्युक्ति के कोलोजियम सिस्टम को हटाकर यह नई व्यवस्था लागू की जानी है. इस नई व्यवस्था में जजों की नियुक्ति में सरकार की भी भागीदारी सुनिश्चित की गयी है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NJAC (जजों की नियुक्ति करने के लिए गठित आयोग) के खिलाफ सुनवाई को एक दिन के लिए टाल दिया था. इससे पहले जस्टिस दवे ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था क्योंकि सवाल उठाया गया था कि वो NJAC में शामिल हैं. इसके बाद यह मामला जस्टिस केहर वाली पांच जजों की बेंच को दिया गया था लेकिन अब एक याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया कि जस्टिस केहर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सदस्य रहे हैं और वो चीफ जस्टिस भी बनने वाले हैं.
इस दौरान जस्टिस केहर ने कहा कि इस मामले में उन्होंने पहले ही चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी है कि अगर वो इस मामले की सुनवाई करते हैं तो जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे.
IANS से भी इनपुट