जेएनयू में चल रहे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से आहत होकर एनडीए के 54 वें बैच के एक ऑफिसर ने अपनी जेएनयू की डिग्री लौटाने का फैसला किया है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह जेएनयू में लगाए गए 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे हैं. इतना ही नहीं एनडीए के अन्य ऑफिसर्स भी अपनी जेएनयू की डिग्री लौटाने का फैसला कर रहे हैं.
नई दिल्ली. जेएनयू में चल रहे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से आहत होकर एनडीए के 54 वें बैच के एक ऑफिसर ने अपनी जेएनयू की डिग्री लौटाने का फैसला किया है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह जेएनयू में लगाए गए ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे हैं. इतना ही नहीं एनडीए के अन्य ऑफिसर्स भी अपनी जेएनयू की डिग्री लौटाने का फैसला कर रहे हैं.
जेएनयू के कुलपति को पूर्व सैनिकों का लिखा हुआ एक खत मिला है, जिसमें लिखा गया है कि अब खुद को जेएनयू से जुड़ा हुआ महसूस करने में हमें दिक्कत हो रही है. अब जेएनयू राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का अड्डा बन चुका है. सैनिकों का कहना है कि अगर इस प्रकार की गतिविधियों को कैंपस में इजाजत दी जाती है, तो हम अपनी डिग्रियां लौटाने को विवश हैं.
क्या लिखा है ख़त में
”हम 1978 बैच के एनडीए के सैनिक हैं, जेएनयू से हमें बीए की़ डिग्री मिली है जिसका हमें गर्व है. लेकिन हाल ही में छात्र अफजल गुरू दिवस मनाने जैसी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं. ऐसी घटना हमारे जैसे डिग्री होल्डर के बलिदान को कम आंकना है. अभी जेएनयू देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा बन गया है. अगर आगे भी ऐसा होता रहा तो हम अपनी डिग्री लौटा देंगे.”
सूत्रों की माने तो सैनिकों ने वीसी से यह भी कहा है कि यह वीसी और अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वो सुनिश्चित करें कि और लोगों की भावनाएं इन हरकतों से आहत ना हों.
बता दें कि मंगलवार को जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु की तीसरी सालगिरह के उपलक्ष्य में कुछ छात्रों ने सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया था.