मुंबई. 26/11 आतंकी हमलों का आरोपी पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली ने गुरुवार को गवाही में बताया कि इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की आत्मघाती हमलावर थी. हेडली ने कहा कि उसने इशरक के बारे में मुजम्मिल भट्ट ने बताया था.
बतौर हेडली, ‘भट्ट ने मुझे कहा कि उसे जकीउर रहमान लखवी ने बताया था कि उनकी एक महिला लड़का भारत में एनकाउंटर में मारी गई है. 15 जून 2014 को इशरत का एनकाउंटर हुआ था. बुधवार को अमेरिका की तरफ से वीडियो लिंक नहीं मिलने की वजह से कोर्ट में उससे सवाल-जवाब नहीं हो सके थे.
मुंबई में खोला था ऑफिस
मुंबई में टारगेट की रेकी और खुद को कवर करने के लिए हेडली ने साउथ मुंबई के तारदेओ इलाके में एक ऑफिस खोला था. हेडली ने बताया, ‘एसी मार्केट में मैंने किराए पर ऑफिस लिया था ताकि किसी को भी संदेह ना हो.’ डेविड हेडली ने स्पेशल कोर्ट को बताया कि हमले से पहले लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी तहव्वुर राणा भारत आया था. हेडली ने कोर्ट से कहा , ‘तहव्वुर राणा को मैंने ही वापस पाकिस्तान जाने को कहा था ताकि वह खुद सुरक्षित रहे.’
राणा ने हेडली को कई बार पैसे भेजे
हेडली ने यह भी कहा कि मुंबई में रहने के दौरान उसे तहव्वुर राणा ने कई बार पैसे भेजे थे. उस दौरान हुए ट्रांजेक्शन की रसीद भी मिली हैं, जिनमें हेडली के दस्तखत मौजूद हैं. उसने बताया, ’11 अक्टूबर 2006 से 4 दिसंबर 2006 के बीच मुझे दो किश्तों में करीब दो लाख रुपये भेजे गए थे.’
हेडली के 10 बड़े खुलासे
- इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की आत्मघाती हमलावर थी
- आतंकी हेडली ने हाफिज सईद की तस्वीर को पहचाना
- मुजफ्फराबाद कैंप में हाफिज ने और लख्वी ने दी थी हेडली को ट्रेनिंग
- हाफिज और लखवी भारत को दुश्मन बताकर जेहाद के बार में बताते थे
- 26/11 से पहले दो बार आतंकी हमले की कोशिश हुई थी
- लश्कर कमांडर साजिद मीर के कहने पर ही इंडिया आया था
- साजिद के कहने पर ही नाम दाऊद गिलानी से बदल डेविड हेडली रखा
- 26/11 हमले से पहले 7 बार मुंबई आया था हेडली
- हमले के बाद मार्च 2009 में दिल्ली आया था
- पाकिस्तानी आर्मी में डॉक्टर तहव्वुर हुसैन राणा ने वीजा दिलाने में की मदद
PAK हुआ बेनकाब
डेविड हेडली से 26/11 मामले में सरकारी गवाह के रूप में जिरह की जा रही है. हेडली ने एक गुप्त स्थान से गवाही देते हुए विशेष न्यायाधीश जीए सनप को बताया था कि आईएसआई विभिन्न आतंकवादी संगठनों को वित्तीय, सैन्य और नैतिक सहयोग देकर उनकी मदद कर रहा है.
पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड हेडली ने भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों और मशहूर सिद्धिविनायक मंदिर को निशाना बनाने की विफल योजना का खुलासा करते हुए कहा था कि आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन को आईएसआई की ओर से ‘आर्थिक’ और ‘सैन्य’ सहयोग दिया जाता है.