पटना. दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूले को लागू किया हो लेकिन बिहार के कई स्कूलों में यह नियम काफी समय पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है.
बता दें कि वहां इसका उद्देश्य अलग है जिसमें जिले के एक स्कूल में एक दिन लड़के और एक दिन लड़कियों की पढ़ाई होती है. चौंका देने वाली बात यह है कि दिल्ली में सम-विषम के लागू होने से तीन साल पहले से इस स्कूल में यह नियम लागू हो चुका है.
जानकारी के अनुसार छपरा के स्कूल में महज 8 कमरे हैं और छात्र करीबन 4 हजार के आसपास हैं ऐसे में राज्य में कई सरकारी स्कूल अलग-अलग शिफ्ट में या वैकल्पिक दिन चलाए जाते हैं. जिसमें लड़के-लड़कियों की अलग टाइमिंग है.
शिक्षा अधिकारी अवधेश बिहारी का कहना है कि कक्षाओं की कमी और चार हजार से ज्यादा स्टू़डेंट्स होने की वजह से ऑड-ईवन ढंग से क्लास दी जाती हैं. अधिकारी ने आगे कहा कि कई स्कूलों में कक्षाओं की कमी का सामना कर रहे हैं और हम इसमें सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में सुधार आएंगे.
छपरा के स्कूल टीचर का कहना है कि स्कूल में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए ऑड-ईवन एक बढ़िया उदाहरण है.