असहिष्णुता पर बोली तसलीमा, धर्म को सरकार से अलग रखें

मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि भारत एक असहिष्णु देश है. उन्होंने सवाल उठाया कि सेक्युलरवादी लोग केवल हिंदू कट्टरपंथियों पर ही यह सवाल क्यों उठाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि सेक्युलर का मतलब यह नहीं है कि वहां की डेमोक्रेसी सही है.

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असहिष्णुता पर बोली तसलीमा, धर्म को सरकार से अलग रखें

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  • February 7, 2016 10:46 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
कोझिकोड. मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि भारत एक असहिष्णु देश है. उन्होंने सवाल उठाया कि सेक्युलरवादी लोग केवल हिंदू कट्टरपंथियों पर ही यह सवाल क्यों उठाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि सेक्युलर का मतलब यह नहीं है कि वहां की डेमोक्रेसी सही है.
 
बता दें कि केरल में एक साहित्य उत्सव के दौरान असहिष्णुता की बहस के दौरान तसलीमा ने कहा कि मुझे लगता है कि अधिकतर लोग यहां एक दूसरे से प्यार करते हैं. भारत के कानून असहिष्णुता का समर्थन नहीं करता है, लेकिन यहां कई असिष्णु लोग मौजूद हैं.
 
एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में सेक्युलर लोग केवल हिंदू कट्टरपंथियों से सवाल ही क्यों पूछते हैं और मुस्लिम कट्टरपंथियों को छोड़ क्यों देते हैं.तसलीमा ने कहा भारत में वास्तविक संघर्ष सेक्युलर और कट्टरपंथ के बीच है.धर्म को सरकार से अलग रखाना चाहिए.
 

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