जयपुर साहित्य महोत्सव के अंतिम दिन ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के विषय पर हो रही चर्चा के दौरान अभिनेता अनुपम खेर और दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा के बीच तकरार हो गई. 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीम होनी चाहिए ?' सत्र में प्रस्ताव के खिलाफ में बोलते हुए खेर ने आरोप लगाया कि जयपुर साहित्या महोत्सव जैसे समारोहों में असहिष्णुता के माहौल जैसी समझ तैयार की जा रही है.
जयपुर. जयपुर साहित्य महोत्सव के अंतिम दिन ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के विषय पर हो रही चर्चा के दौरान अभिनेता अनुपम खेर और दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा के बीच तकरार हो गई.
‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीम होनी चाहिए ?’ सत्र में प्रस्ताव के खिलाफ में बोलते हुए खेर ने आरोप लगाया कि जयपुर साहित्या महोत्सव जैसे समारोहों में असहिष्णुता के माहौल जैसी समझ तैयार की जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी छवि नहीं बनानी चाहिए कि देश की जनता डर के माहौल में जी रही है.
खेर ने कहा कि ऐसे महोत्सवों में असहिष्णुता के माहौल जैसी समझ तैयार की जा रही है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रत्येक नागरिक में एक जिम्मेदारी की भावना के साथ आती है. जिन नियमों का पालन आप घर में करते हैं, उन्हीं का पालन देश में भी करना चाहिए’. खेर ने कहा कि भारत ही ऐसा देश हैं, जहां कोई प्रधानमंत्री को कायर और मनोरोगी कह सकता है और उससे बच सकता है.
अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर निशाना साधने के लिए खेर पर हमला बोलते हुए आप के मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री अकेले व्यक्ति नहीं हैं जो ‘मन की बात’ कर सकते हैं.
मिश्रा ने कहा कि क्या इस देश में केवल एक व्यक्ति अपने मन की बात कह सकता है ? सभी ऐसा कर सकते हैं. नेताओं को मुझे नहीं बताना चाहिए कि मैं ट्विटर या फेसबुक पर क्या लिखूं. वे लोग जिन्होंने देश की संस्कृति और धर्म में स्थान प्राप्त कर लिया है उन्हें ही हमारे धर्म का ज्ञान नहीं है.