पंजाब के मोगा में बस में मां और बेटी के साथ पहले छेड़खानी हुई फिर उन्हें बस से फेंक दिया गया. लड़की की मौत हो गई है. मोगा में जिस बस में इतनी भीषण घटना हुई है वो ऑर्बिट कंपनी की है. ये कंपनी पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर बादल की है. पुलिस ने लड़की की मौत के 12 घंटे के बाद हत्या का मामला दर्ज किया है.
नई दिल्ली. पंजाब के मोगा में बस में मां और बेटी के साथ पहले छेड़खानी हुई फिर उन्हें बस से फेंक दिया गया. लड़की की मौत हो गई है. मोगा में जिस बस में इतनी भीषण घटना हुई है वो ऑर्बिट कंपनी की है. ये कंपनी पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर बादल की है. पुलिस ने लड़की की मौत के 12 घंटे के बाद हत्या का मामला दर्ज किया है.
आरोपी बस ड्राइवर और कंडक्टर दोनों अभी तक फरार हैं. पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है क्योंकि महिला का बयान नहीं ले पाई है पुलिस. महिला अस्पताल में भर्ती है और फिलहाल बेहोश है. महिला बेटे और बेटी के साथ बस में सफर कर रही थी. बाघा पुराना के रास्ते में बस में सवार लोगों द्वारा औरत छिंदर कौर के साथ छेड़छाड़ की गई. महिला के विरोध करने पर बस में सवार कंडक्टर और ड्राइवर ने भी इस घटना में साथ दिया और छेड़ छाड़ की.
महिला ने ड्राइवर को बस रोकने के लिए काफी गुहार लगाई मगर उन्होंने एक ना सुनी और बाद में महिला औऱ उसकी बेटी अश्मीत कौर को धक्का दे दिया. 13 वर्ष की अश्मीत कौर की मौत हो गई और महिला छिंदर गंभीर रूप से घायल हो गई. फिलहाल महिला को मोगा के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है और मेडिकल जाँच चल रही है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और कार्रवाई करने का आश्वासन दे रही है.
उधर कांग्रेस नेता शकील अहमद ने इस खबर पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है, “यह दुखद है. बादल परिवार का बस का कारोबार है. किसी महिला और उसकी बच्ची के साथ ऐसी घटना अमानवीय अपराध है. ये आरोपी सरकार के अपने हैं इसलिए पीड़ित को न्याय मिलेगा मुझे यह संदेह है.” अहमद का कहना है, “इतना ही नहीं है, वहां पर जो सरकारी बसें चलती हैं, बादल की कंपनी के बस के ड्राइवर सरकारी बसों के पैसेंजर्स को अपनी बस में बिठा लेते हैं. सरकारी बसें खाली जाती है. सरकारी बस के ड्राइवरों को धमकी दी जाती है कि अगर ऐसा नहीं करने देंगे तो उनके खिलाफ सरकार एक्शन करा देंगे. बादल सरकार के मंत्री ड्रग्स के कारोबार में लगे हैं. ये सरकार अपनी देख रेख में अमानवीय घटना करा रही है. इस घटना की जांच पूरी निष्पक्षता के साथ न्यायालय की देखरेख में होना चाहिए.”
IANS