प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस को महामना एक्सप्रेस नाम की जिस ट्रेन का सौगात दिया है उस ट्रेन की कोच जैसी कोच देश की किसी और ट्रेन में नहीं है. इसलिए सेकेंड क्लास जेनरल को छोड़ दें तो इस ट्रेन में 15 परसेंट ज्यादा किराया देना होगा.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस को महामना एक्सप्रेस नाम की जिस ट्रेन का सौगात दिया है उस ट्रेन की कोच जैसी कोच देश की किसी और ट्रेन में नहीं है. इसलिए सेकेंड क्लास जेनरल को छोड़ दें तो इस ट्रेन में 15 परसेंट ज्यादा किराया देना होगा.
बनारस से ये ट्रेन हर मंगलवार, गुरुवार और शनिवार जबकि नई दिल्ली स्टेशन से सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चलेगी. इस ट्रेन के रूट में बनारस के बाद लखनऊ, मुरादाबाद और गाजियाबाद आएगा.
इस ट्रेन की कोच इस तरह से बनाई गई हैं कि अगर बाहर आग लगी हो तो वो अंदर तक नहीं पहुंच पाएगी. कोच के अंदर का कलर पैटर्न और सजाव बाकी किसी ट्रेन से अलग है.
कोच के अंदर जगह-जगह पेंटिंग्स लगाए गए हैं. ऊपर के बर्थ पर चढ़ने के लिए आरामदेह सीढ़ियां बनाई गई हैं. हर बर्थ के पास मोबाइल या लैपटॉप चार्ज करने के प्वाइंट लगाए गए हैं.
लाइटिंग की बात करें तो एलईडी से जगह है ये ट्रेन. बर्थ के बीच में हाथ को आराम से रखने की व्यवस्था की गई है. उच्च श्रेणी के कोच में हर कूपे में नल लगाया गया है जो कवर करने पर सामान रखने के भी काम आ सकता है.
सूत्रों का कहना है कि रेलवे महामना एक्सप्रेस को ट्रेन सीरीज के तौर पर चलाने की योजना बना रहा है. मतलब ये कि राजधानी, शताब्दी की तरह इस नाम की ट्रेन अलग-अलग रूट पर चलेंगी. बनारस से बस इसकी शुरुआत हुई है.
इस ट्रेन का कोच भोपाल की रेलवे कोच फैक्ट्री में बनाया गया है. सूत्रों का कहना है कि भोपाल कोच फैक्ट्री को 111 ऐसे कोच बनाने का ऑर्डर दिया गया था जिसमें से पहली खेप में बनी 20 कोच को बनारस वाले महामना एक्सप्रेस में लगाया गया है.
भोपाल कोच फैक्ट्री से इस तरह के बाकी कोच जब तैयार हो जाएंगे तो रेल मंत्रालय नए सेक्टर में भी महामना एक्सप्रेस चलाने की घोषणा कर सकता है.