जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में निर्माता-निर्देशक करन जौहर ने अभिव्यक्ति की आजादी पर बयान देते हुए कहा है कि देश में आप किसी के व्यक्तिगत जीवन पर कुछ बोल नहीं सकते. निजी बातचीत पर जेल हो सकती है. अपने जीवन पर आधारित लेखिका पूनम सक्सेना द्वारा लिखित पुस्तक 'एन अनसुटेबल ब्वॉय' पर चर्चा के दौरान करण जौहर ने कहा कि हमारे देश में बोलने की स्वतंत्रता नहीं है. यहां व्यक्तिगत बातचीत पर ही जेल भेज दिया जाता है.
जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में निर्माता-निर्देशक करन जौहर ने अभिव्यक्ति की आजादी पर बयान देते हुए कहा है कि देश में आप किसी के व्यक्तिगत जीवन पर कुछ बोल नहीं सकते. निजी बातचीत पर जेल हो सकती है.
‘देश में बोलने की स्वतंत्रता नहीं’
अपने जीवन पर आधारित लेखिका पूनम सक्सेना द्वारा लिखित पुस्तक ‘एन अनसुटेबल ब्वॉय’ पर चर्चा के दौरान करण जौहर ने कहा कि हमारे देश में बोलने की स्वतंत्रता नहीं है. यहां व्यक्तिगत बातचीत पर ही जेल भेज दिया जाता है.
‘डर लगता है कि कोई लीगल नोटिस ना भेज दे’
उन्होंने कहा कि वह जयपुर आए हैं, पता नहीं कोई उनके खिलाफ लीगल नोटिस भेज दे. इस दौरान करण जौहर ने अपनी फिल्मों के अनुभव भी साहित्यप्रेमियों के साथ शेयर किए हैं.
‘बचपन में लोग मुझे लड़की बुलाते थे’
करण ने कहा कि बचपन में वह कई रात यह सोचकर ठीक से सो नहीं पाते थे कि वह बाकी बच्चों से अलग हैं. ‘कुछ कुछ होता है’ से फिल्म निर्देशन में उतरे करण ने बताया कि उन्हें बचपन में पैन्सी (लड़की जैसा) कहा जाता था और यह शब्द उन्हें बिल्कुल नहीं अच्छा लगता था. करण ने बताया कि वह बचपन में थोड़ा अलग महसूस करते थे लेकिन उनके माता-पिता उनके लिए बहुत बड़ा सपोर्ट सिस्टम साबित हुए.
लिटरेचर फेस्टिवल में देश-विदेश के ख्यातिनाम साहित्यकार लेखक, फिल्म और राजनीति से जुडी हस्तियां हिस्सा ले रही हैं. फेस्टिवल के पहले दिन विभिन्न विषयों पर 32 सत्र आयोजित हुए हैं.