आसाराम के अहमदाबाद आश्रम से 8 साल का बच्चा लापता

रेप के आरोपों में फसे आसाराम के अहमदाबाद के मोटेरा स्थित आश्रम से 8 साल के बच्चे के लापता होने से सनसनी मच गई है. यह आश्रम पहले भी बच्चों के गायब होने और मौत की वजह से खबरों में रहा है. पिता ने शुक्रवार सुबह साबरमती पुलिस थाने में बालक के अपरहरण की शिकायत दर्ज करवा दी है.

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आसाराम के अहमदाबाद आश्रम से 8 साल का बच्चा लापता

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  • January 22, 2016 7:48 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
अहमदाबाद. रेप के आरोपों में फसे आसाराम के अहमदाबाद के मोटेरा स्थित आश्रम से 8 साल के बच्चे के लापता होने से सनसनी मच गई है. यह आश्रम पहले भी बच्चों के गायब होने और मौत की वजह से खबरों में रहा है. पिता ने शुक्रवार सुबह साबरमती पुलिस थाने में बालक के अपरहरण की शिकायत दर्ज करवा दी है.
 
पुलिस ने क्या कहा?
साबरमती थाने के पुलिस निरीक्षक जी.एस.बारे के अनुसार, लापता 8 साल के बालक  का नाम अमित उर्फ अभिषेक है. बच्चा अपने पिता के साथ अहमदाबाद आसाराम के आश्रम में रहता था. पिता-पुत्र दोनो उत्तर प्रदेश के हैं और बीते कुछ समय से आसाराम के आश्रम में बतौर साधक रह रहे थे. गुरुवार शाम को बालक आसाराम आश्रम में खेल रहा था. इस दौरान वह लापता हो गया. 
 
पिता के जाने के बाद हुआ हादसा
सूत्रों के अनुसार, बालक जब लापता हुआ तब उसका पिता कालूपुर रेलवे स्टेशन गया था. आश्रम के साधकों ने बताया कि बच्चा अपने पिता के साथ कालूपुर जाने की जिद कर रहा था. उसके पिता के जाने के बाद से ही वह लापता है. अन्य साधकों ने ही उसके पिता को अमित के आश्रम में नहीं होने की जानकारी दी थी. आश्रम के साधकों ने जनपत चौराहे के पास अमित को देखा था, लेकिन इसके बाद उसका पता नहीं चला है.
 
पहले भी बच्चे हो चुके हैं गायब
बता दें कि आसाराम आश्रम के गुरुकुल मे पढ़ते दो चचेरे भाई दीपेश-अभिषेक जुलाई 2008 में इसी तरह लापता हो गए थे. इसके बाद उनके शव साबरमती नदी के किनारे से मिले थे. बच्चों के शव पर तांत्रिक क्रिया होने की जानकारी मिली थी. पिछले साल जनवरी में मजिस्ट्रेट से मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए अपील की थी.
 
सीबीआई को मामला सौंपे जाने के लिए की गई अपील में दीपेश के पिता ने लिखा था कि पुलिस और राज्य सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी में बच्चों की मौत की असली वजह को सही से नहीं जांचा गया है. साथ ही आरोप लगाया गया कि इस जांच में असली हत्यारे को बचाने की कोशिश की गई है. इस मामले में साल 2009 में राज्य की सीआईडी ने आश्रम के सात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया था.

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