मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ का दयावती अस्पताल शुक्रवार को लड़की पैदा होने पर डिलीवरी फीस नहीं लेता. अस्पताल में डिलीवरी चार्ज पांच से आठ हजार तक है लेकिन शुक्रवार को लड़की पैदा होती है तो दवा खर्च छोड़कर अस्पताल कोई पैसा नहीं लेता.
शुक्रवार का दिन ही क्यों चुना इस अस्पताल ने
अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. प्रमोद बालियान का कहना है कि इस अच्छे काम के लिए शुक्रवार का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि यह दिन हिंदू रीति के हिसाब से मां दुर्गा और लक्ष्मी का दिन होता है और मुस्लिम रवायत से जुम्मे की नमाज का दिन.
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ से मिला आइडिया
अंग्रेज़ी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से इंटरव्यू में डॉ. बालियान ने कहा कि वह काफी पहले से महिलाओं के लिए कुछ अच्छा काम करने की सोच रहे थे. जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के बारे में सुना तो अपने इस ख्वाब को सच करने की ठान ली. उन्होंने बताया कि अस्पताल में 1 नवंबर, 2015 से ये नियम लागू कर दिया गया था.
अब तक 12 लड़कियां ले चुकी हैं शुक्रवार को जन्म
रिपोर्ट के मुताबिक अब तक इस अभियान के तहत 12 लड़कियों का जन्म शुक्रवार को हुआ है जिसका हॉस्पिटल ने कोई चार्ज नहीं लिया. एक सामान्य डिलीवरी में हॉस्पिटल में लगभग 5 हजार रुपए लगते है वहीं सिजेरियन डिलीवरी में 8 हजार खर्च आता है.
डॉ बालियान ने कहा कि हॉस्पिटल के बाहर इस स्पेशल डे को लेकर बड़े-बड़े बैनर लगाए गए हैं ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके. बैनर में साफ लिखा है कि शुक्रवार को दवा छोड़कर कोई भी खर्च लड़की के जन्म पर नहीं लिया जाएगा.