बिहार चुनाव में नीतीश कुमार और लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के नीतिकार रहे प्रशांत किशोर असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चुनाव प्रचार नहीं देखेंगे. पिछले 15 सालों से असम की गद्दी पर विराजमान सीएम तरुण गोगोई चाहते हैं कि इस बार भी चुनाव उनको आगे रखकर ही लड़ा जाए लेकिन प्रशांत किशोर उनकी इस बात से सहमत नहीं हैं.
नई दिल्ली. बिहार चुनाव में नीतीश कुमार और लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के नीतिकार रहे प्रशांत किशोर असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चुनाव प्रचार नहीं देखेंगे.
पिछले 15 सालों से असम की गद्दी पर विराजमान सीएम तरुण गोगोई चाहते हैं कि इस बार भी चुनाव उनको आगे रखकर ही लड़ा जाए लेकिन प्रशांत किशोर उनकी इस बात से सहमत नहीं हैं.
प्रशांत के मुताबिक राज्य में अब कांग्रेस के खिलाफ एक विरोधी लहर चल रही है. इतना ही नहीं पिछले पांच सालों में तरूण गोगोई की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से घटा है और राज्य के कई क्षेत्रों में वह अलोकप्रिय हो गए हैं.
प्रशांत किशोर के मुताबिक कांग्रेस को राज्य में सरकार बनाने के लिए गठबंधन की जरूरत पड़ सकती है. लेकिन सीएम तरुण गोगोई का कहना है कि पहले गठबंधन करने से अच्छा है कि कम सीटें आने के बाद किसी पार्टी से गठबंधन किया जाए.
ऐसे में प्रशांत किशोर चुनावों में अपनी जीत का ग्राफ नहीं गिराना चाहते. इसलिए उन्होंने असम में कांग्रेस के चुनाव प्रचार की कमान संभालने से मना कर दिया है.