नेपाल में आए भूकंप के चौथे दिन भी तबाही के भयावह मंजर देखने को मिल रहे हैं. चौथे दिन सुबह भी भूंकप के ताजे झटके महसूस किए गए, जिससे दहशत का माहौल चरम पर है और बचाव के काम में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. काठमांडू के बाहर, छोटे शहरों और देहात से आर रही तबाही की खबरों के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या 10 हज़ार तक पहुंच जाएगी.
काठमांडू. नेपाल में आए भूकंप के चौथे दिन भी तबाही के भयावह मंजर देखने को मिल रहे हैं. चौथे दिन सुबह भी भूंकप के ताजे झटके महसूस किए गए, जिससे दहशत का माहौल चरम पर है और बचाव के काम में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. काठमांडू के बाहर, छोटे शहरों और देहात से आर रही तबाही की खबरों के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या 10 हज़ार तक पहुंच जाएगी. देखें वीडियो
इसके साथ ही कोईराला ने बचाव कार्य तेज़ करने के आदेश दिए हैं, साथ ही दुनिया से टेंट्स और दवाईयां मुहैया कराने की अपील की है. मौजूदा वक्त को नेपाल के लिए मुश्किल और एक चुनौती बताने वाले प्रधानमंत्री कोईराला ने कहा, “सरकार युद्ध स्तर पर बचाव और राहत कार्य कर रही है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत ज्यादा लोग घरों से बाहर खुले आसमान में सोने को मजबूर हैं, क्य़ोंकि उनके घर नष्ट हो गए हैं या लगातार आ रहे आफ्टशॉक से डरे हुए हैं.
नेपाल के गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने अब तक मरने वालों की संख्या 4,349 बताई है. अगर पीएम की आशंका के अनुरूप मरने वालों की संख्या 10,000 तक पहुंच जाती है ते ये संख्या 1934 के जलजले से भी ज्यादा होगी, जिसमें 8500 लोग मारे गए थे. चार दिन के पहले के जलजले को छोड़ दें तो नेपाल को 1934 में सबसे बड़े जलजले से जूझना पड़ा था.