रायपुर. छत्तीसगढ़ में एक साल पहले हुए उप-विधानसभा चुनावों के फिक्स होने का खुलासा हुआ है. बता दें कि इन चुनावों में बीजेपी ने जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार ने ऐन मौके पर अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी. प्रदेश के बड़े नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत की कई टेप सामने आई हैं, जिनसे आशंका जताई जा रही है कि अपना नाम वापस लेने के लिए पैसों का लेनदेन किया गया था.
अजीत जोगी पर उठे सवाल
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के हाथ कई फोन टेप लगी हैं. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी और मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता बीच हुई बातचीत के अलावा कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार (नाम वापस लेने वाले उम्मीदवार) और जोगी के पुराने वफादार फिरोज सिद्दिकी की बातचीत की फोन रिकॉर्डिंग है. अब बीजेपी में आ चुके पवार और सिद्दिकी के बीच बातचीत, सिद्दिकी और जोगी के एक और वफादार अमीन मेमन की बात, अमित जोगी और सिद्दिकी के बीच हुई बातचीत की भी टेप हैं. इनमें से ज्यादातर बातचीत अगस्त 2014 में हुए वोटिंग के दिन की है. टेप के सामने आने से बौखलाए अमित जोगी ने कहा है कि वो इस खबर को छापने के लिए पब्लिकेशन और पत्रकार के खिलाफ केस करेंगे.
दो नेताओं ने स्वीकारी अपनी आवाज
इस मामले के सामने आने के बाद दो लोगों ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि टेप में आवाज उन्हीं की है. जोगी के पुराने वफादार फिरोज सिद्दिकी ने भी माना है कि रिकॉर्डिंग में उन्हीं की आवाज सुनाई दे रही है. उन्होंने कहा, ‘हां, ये आवाज मेरी है. ये बातचीत अंतागढ़ उप-चुनाव से पहले की है. मैंने अमित जोगी, अमीन मेनन और मंतूराम पवार से बात की थी. चुनाव मैनेज करने और पवार की उम्मीदवारी वापसी सुनिश्चित करने की योजना थी. उन्होंने आखिरी तारीख से एक दिन पहले अपना नाम वापस ले लिया था. मैं जोगी परिवार के लिए काम कर रहा था. मैं रायपुर से ऑपरेट कर रहा था. अमीन मेमन का काम मंतूराम पवार और मध्यस्थ को मैनेज करने का था. वो कंकेर से काम कर रहा था. चुनाव से दो दिन पहले प्लान पर काम शुरू हुआ. मंतूराम के साथ नाम वापस लेने के एवज में डील की गई. अमित ने भी कई वादे किए. पवार के नाम वापस लेने के बाद जोगी के परिवार ने मुझे 3.5 करोड़ रुपये दिए. मैंने इस रकम को अमीन मेमन को दे दिया.’