मुंबई कांग्रेस के मुखपत्र ‘कांग्रेस दर्शन’ में छपे लेख में पूर्व गृहमंत्री वल्लभभाई पटेल की तारीफ करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधा गया है.
मुंबई. मुंबई कांग्रेस के मुखपत्र ‘कांग्रेस दर्शन’ में छपे लेख में पूर्व गृहमंत्री वल्लभभाई पटेल की तारीफ करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधा गया है.
मुखपत्र ‘कांग्रेस दर्शन’ के दिसंबर एडिशन में नेहरू की कश्मीर, चीन और तिब्बत पर लिए गए फैसलों पर सवाल खड़े किए गए हैं और नेहरू को कश्मीर विवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. वहीं सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए उनके पिता पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है. इस एडिशन को 15 दिसंबर को पटेल की जयंती पर विशेष तौर पर छापा गया है.
‘1950 में ही आजाद हो जाता गोवा’
मुखपत्र में कहा गया है कि अगर नेहरू सरदार पटेल की बात मान लेते तो गोवा 1950 में ही हिन्दुस्तान में शामिल हो जाता. 1950 में ही गोवा की स्वतंत्रता को लेकर चली दो घंटे की कैबिनेट बैठक में लंबी बातचीत के बाद सरदार पटेल ने केवल इतना कहा ‘क्या हम गोवा जाएंगे, केवल दो घंटे की बात है’. नेहरू इससे बेहद नाराज हुए थे.
अगर पटेल की बात मान ली गई होती, तो 1961 तक गोवा की स्वतंत्रता की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती.
नेहरू की कश्मीर नीति पर सवाल
अगर सरदार पटेल के कहने पर चलते तो कश्मीर, चीन, तिब्बत और नेपाल के हालात आज जैसे नहीं होते. कश्मीर के मुद्दे को पंडित नेहरू ने अपने अधिकार में ले रखा था, लेकिन ये सच है कि सरदार पटेल कश्मीर में जनमत संग्रह और कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने से बेहद नाराज थे।
‘चीन समस्या के लिए नेहरू जिम्मेदार’
1950 में पंडित नेहरू को लिखे एक पत्र में पटेल ने चीन और उसकी तिब्बत को लेकर नीति से सावधान किया था और चीन का रवैया विश्वासघाती बताया था. पत्र में कहा था कि तिब्बत पर चीन का कब्जा नई समस्याओं को जन्म देगा. 1950 में नेपाल को लेकर भी लिखे पत्रों से भी पंडित नेहरू सहमत नहीं थे.
बता दें कि विदेश विभाग पंडित नेहरू का कार्यक्षेत्र था, लेकिन डिप्टी पीएम होने की वजह से कैबिनेट की विदेश विभाग समिति में सरदार पटेल का जाना होता था. सरदार पटेल की दूरदर्शिता का लाभ यदि उस समय लिया जाता तो अनेक वर्तमान समस्याओं का जन्म नहीं होता.
‘पटेल की वजह से रियासतें मिलीं‘
13 नवंबर को सरदार पटेल ने सोमनाथ के मंदिर के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया, जो पंडित नेहरू के कड़े विरोध के बाद भी बना. सरदार पटेल ने 562 रियासतों का एकीकरण किया, जो विश्व इतिहास में एक आश्चर्य था. महात्मा गांधी ने सरदार पटेल के बारे में लिखा था KF ‘रियासतों की समस्या जटिल थी, जिसे केवल तुम ही हल कर सकते थे’.
‘फासिस्ट थे सोनिया के पिता’
सोनिया गांधी का लक्ष्य एयर होस्टेस बनना था और उनके पिता पर ये आरोप है कि वो फासिस्ट फोर्स से जुड़े हुए थे. सोनिया गांधी 1997 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य बनीं और महज 62 दिनों में ही पार्टी की अध्यक्ष बन गईं.
‘संजय निरूपम ने माफी मांगी’
मुखपत्र के संपादक और कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने पूरे विवाद से किनारा करते हुए इसे संपादकीय भूल बताया है और इसके लिए माफी मांगी है, वहीं मुखपत्र में छपे लेख से नाराज कांग्रेस हाई कमान के जनरल सेक्रेटरी मोहन प्रकाश ने मुंबई कांग्रेस से सफाई मांगी है.