नई दिल्ली. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हो रही सियासत ने देश की राजनीति में फिर से नया मोड़ ला दिया है. अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए पत्थरों को पहुंचा दिया गया है जबकि कोर्ट में यह मामला अब भी विचाराधीन है.
देश के हर चुनाव में अयोध्या का मुद्दा अब भी उठता है. सवाल यह है कि क्यों आज भी देश अपनी तमाम मुश्किलों और चुनौतियों के बीच राम मंदिर के इर्द-गिर्द ही सिमटा है?
अयोध्या का विवाद वैसे तो 65 साल पुराना है पर 23 साल पहले विवादित ढांचे को गिराया गया था. तारीख थी 6 दिसंबर 1992, तभी से इस देश का हर तबका और दल इस मुद्दे पर दिलचस्पी रखता है.
हाल ही में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरे जीते जी अयोध्या में राम मंदिर बनने का सपना पूरा हो जाएगा. वहीं अयोध्या मामले के पक्षकार हाशिम अंसारी मुल्क ने भी भागवत को खुली चुनौती दे डाली.
अब सवाल है कि क्या यूपी चुनाव के आने से राम मंदिर का मुद्दा फिर से गरमाया हुआ है या सच में राम मंदिर अयोध्या में बन जाएगा. सवाल ये भी है कि मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तो पहुंच गए, क्या मस्जिद के लिए भी अब पत्थर पहुंचाए जाएंगे?
इंडिया न्यूज शो अर्ध सत्य में आज राम मंदिर पर चल रही नई सियासत का पूरा सच देखिए इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत के साथ…
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