भारतीय जनसंचार संस्थान की अलुम्नाई और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली अंशु सचदेवा की याद में आज IIMC दिल्ली कैंपस में ही शोकसभा का आयोजन किया गया. आपको बता दें कि अंशु सचदेवा ने 17 मार्च की रात को आत्महत्या कर ली थी. अंशु के घरवालों ने उसके मंगेतर हिमांशु सिंह पर ही आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया है.
नई दिल्ली. भारतीय जनसंचार संस्थान की अलुम्नाई और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली अंशु सचदेवा की याद में आज IIMC दिल्ली कैंपस में ही शोकसभा का आयोजन किया गया. आपको बता दें कि अंशु सचदेवा ने 17 मार्च की रात को आत्महत्या कर ली थी. अंशु के घरवालों ने उसके मंगेतर हिमांशु सिंह पर ही आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया है.
इस शोक सभा में अंशु की आत्महत्या से अंदर तक हिल चुके उनके क्लासमेट्स, संस्थान के डीजी सुनीत टंडन, ओएसडी हिंदी अनुराग मिश्रा, हिंदी पत्रकारिता के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद प्रधान, आरटीवी की एसोसिएट प्रोफेसर शाश्वती गोस्वामी और अन्य कई पत्रकार साथियों ने हिस्सा लिया. संस्थान के मिनी ऑडिटोरियम में आयोजित इस शोकसभा में शोक जताने से इतर उन सवालों और परिस्थितियों पर भी चर्चा हुई कि आखिरकार किन वजहों से अंशु को इतना कठोर कदम उठाना पड़ा.
पक्ष और विपक्ष की दलीलों से परे इस आत्महत्या की निष्पक्ष जांच की मांग पर ज़ोर देते हुए तकरीबन तमाम लोगों ने कहा कि इस घटना की ना सिर्फ निष्पक्ष जांच की जाय बल्कि भविष्य में ऐसी किसी घटना पर विराम लगाने के लिए संस्थान के व्यवहार और सिलेबस में ठोस मैकेनिज्म को स्थापित किया जाय. सुनीत टंडन ने भी इस जरूरत पर अपनी सहमति जताई. अंशु को याद करते हुए कई साथियों ने आंसू भरी आंखों से अपनी बातें रखीं. अंशु के हंसमुख चेहरे को याद करते हुए इस शोकसभा में साझी राय बनी कि इस मसले को एक न्यायपूर्ण निष्कर्ष तक ले जाना सभी पत्रकार साथियों की जिम्मेदारी है.