पूरी नींद न लेना मेंटल हेल्थ की बिमारी को बढ़ावा देता है, जिसके कारण हम चिड़चिड़े और अधिक गुस्से वाले बन जाते है। आइए जाने की देर रात तक नींद ना आने के क्या कारण है. तनाव और चिंता दिमाग में लगातार सोच चलते रहने से नींद नहीं आती। इस दौरान ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक मदद कर सकती है।
नई दिल्ली: इस डिजीटल युग के टाइम पर लोग देर रात तक जाग कर या तो अपना ऑफिस का काम करते है या तो फोन चलाते है। पूरी नींद न लेना मेंटल हेल्थ की बिमारी को बढ़ावा देता है, जिसके कारण हम चिड़चिड़े और अधिक गुस्से वाले बन जाते है। आइए जाने की देर रात तक नींद ना आने के क्या कारण है और इससे हम कैसे निजात पा सकते है।
तनाव और चिंता – दिमाग में लगातार सोच चलते रहने से नींद नहीं आती। इस दौरान ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक मदद कर सकती है।
अत्यधिक स्क्रीन टाइम – मोबाइल और लैपटॉप की ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन को बाधित करती है। सोने से एक घंटा पहले स्क्रीन से दूर रहें।
अनियमित दिनचर्या – रोज अलग-अलग समय पर सोने से बॉडी क्लॉक प्रभावित होती है। निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत डालें।
कैफीन और निकोटीन का सेवन – चाय, कॉफी और सिगरेट में मौजूद स्टिमुलेंट्स नींद को भगा सकते हैं। शाम के बाद इनका सेवन कम करें।
शारीरिक गतिविधियों की कमी – दिनभर आलसी रहने से शरीर पर्याप्त थकान महसूस नहीं करता। इसके लिए हल्की एक्सरसाइज या योग को अपनाएं।
सोने से पहले मेडिटेशन करें या तो आप सोफ्ट गाने भी सुन सकते है जिससे आपको जल्दी नींद आ जाएगी।
दिमाग को शांत रखने के लिए आप किताब का सहारा भी ले सकते है, किताब पढ़ने से आपको बहुत जल्दी नींद भी आ जाएगी।
सोने से पहले अपने रुम की लाइट बंद कर दे, जिससे आपको साउट स्लिप आएगीं और आप आराम से सो सकेगे।
यदि इन चींजों से भी आपको देर रात तक नींद न आए तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
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