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44 साल बाद 24 दलितों को मिला न्याय, फिरोजाबाद के दिहुली कांड में तीन आरोपियों को मिली फांसी की सजा

Dehuli Mass Murder Case Mainpuri News 44 वर्ष पहले हुए दिहुली सामूहिक हत्याकांड के तीनों दोषियों को फांसी की सजा दी गई है। 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। 18 नवंबर 1981 को फिरोजाबाद के दिहुली गांव में हुई इस घटना में 23 लोगों की मौत हो गई थी। तीनों दोषियों को पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय में पेश किया गया।

Mainpuri kand
  • March 18, 2025 4:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 day ago

नई दिल्ली: मंगलवार को मैनपुरी कोर्ट ने यूपी के फिरोजाबाद जिले के बहुचर्चित दिहुली हत्याकांड पर फैसला सुनाया। अदालत ने तीन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। विशेष डकैती न्यायालय के एडीजे इंद्र सिंह ने यह निर्णय सुनाया।

यह मामला 1981 का है, जब डकैतों के एक गिरोह ने एक गांव पर हमला कर 24 दलितों की निर्मम हत्या कर दी थी। इस हमले में कई अन्य लोग, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, घायल हुए थे। इस घटना से प्रदेश भर में रोष फैल गया था, जिससे सरकारों तक पर दबाव बना था। हालात इतने गंभीर हो गए थे कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी गांव का दौरा करना पड़ा था।

तीन घंटे तक चली फायरिंग

एक भीषण घटना में बदमाशों ने लगातार तीन घंटे तक फायरिंग की, जिसमें 23 लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई। वहीं, एक घायल व्यक्ति की इलाज के दौरान अस्पताल में जान चली गई। इस घटना की प्राथमिकी 19 नवंबर को स्थानीय थाने में दर्ज कराई गई थी।

इन लोगों को किया गया मामले में शामिल

पुलिस जांच में कई लोगों के नाम सामने आए, जिनमें प्रमुख रूप से कुछ स्थानीय निवासी शामिल थे। मामले की जांच पूरी कर पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। पहले इस मामले की सुनवाई जिला न्यायालय में हुई, लेकिन विशेष अदालत न होने के कारण इसे प्रयागराज स्थानांतरित किया गया। वहां कुछ समय बाद मामला फिर से मैनपुरी के विशेष न्यायालय भेजा गया, जहां पिछले 15 वर्षों से सुनवाई चल रही थी।

तीनों दोषियों को फांसी की सजा

11 मार्च को विशेष न्यायालय की न्यायाधीश ने तीन आरोपियों को दोषी करार दिया और सजा सुनाने के लिए 18 मार्च की तारीख तय की। मंगलवार को तीनों दोषी अदालत में पेश हुए। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। सजा सुनते ही तीनों दोषी अदालत में भावुक हो गए और अपनी सफाई देने लगे, लेकिन अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए कठोर दंड दिया।

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