बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ( BLA) द्वारा ट्रेन हाईजैकिंग के दौरान मारे गये पाकिस्तानी सैनिकों की संख्या को लेकर पाकिस्तानी सेना ने यू टर्न ले लिया है. अब वो कह रही है कि बीएलए ने उनके 18 सैनिकों को मारा है. पहले मारे जाने वाले सैनिकों की संख्या 4 बता रही थी. अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है क्योंकि बीएलए का दावा है कि उसने पाकिस्तान के ज्यादा सैनिक मारे हैं.
नई दिल्ली. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ( BLA) द्वारा ट्रेन हाईजैकिंग के दौरान मारे गये पाकिस्तानी सैनिकों की संख्या को लेकर पाकिस्तानी सेना ने यू टर्न ले लिया है. अब वो कह रही है कि बीएलए ने उसके 18 सैनिकों को मारा है. आईएसपीआर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बलूचिस्तान के सीएम सरफराज बुगती के साथ एक प्रेस कॉफ्रेंस की और कहा कि सेना के ऑपरेशन से पहले उग्रवादियों ने 26 बंधकों को मारा था जिसमें 18 सैनिक तीन अन्य सरकारी अधिकारी शेष 5 आम नागरिक हैं. इनमें फ्रंटियर कोर के वे 4 कर्मी भी शामिल हैं, जिन्हें ट्रेन पर हमले के दौरान उग्रवादियों ने मारा था। इससे पहले पाकिस्तानी आर्मी ने 4 सैनिकों समेत 25 लोगों के मारे जाने की बात कही थी.
आईएसपीआर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि बुधवार को बीएलए द्वारा जाफर एक्सप्रेस को बंधक बनाए जाने के बाद सुरक्षाबलों ने एक ऑपरेशन शुरू किया जो अगले दिन शाम तक चला. 30 घंटे तक चले संकट को समाप्त करने का ऐलान करते हुए दावा किया गया कि ट्रेन हाईजैक करने वाले 33 उग्रवादियों को मारकर 300 से ज्यादा यात्रियों को मुक्त करा लिया गया है. अब सेना के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि कुल 354 बंधकों को बचाया गया है जिनमें 37 घायल यात्री भी शामिल हैं. सेना के प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बल आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिदिन औसतन 180 खुफिया अभियान चला रहे हैं.
मालूम हो कि बलूचिस्तान के राजधानी क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने बुधवार को हाईजैक कर लिया था. जिस समय यह घटना हुई ट्रेन में 400 से अधिक लोग सवार थे. बीएलए जेल में बंद अपने साथियों कि रिहाई की मांग कर रहा था. पाकिस्तानी सेना बीएलए जवानों के सामने बौनी साबित हो रही थी और एक स्थिति ऐसी आई जब उसे अपने पैर पीछे खींचने पड़े थे. BLA ने एक वीडियो जारी कर बताया था कि ट्रेन को कैसे हाईजैक किया. अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या सभी बंधक रिहा करा लिये गये हैं या कुछ उग्रवादियों के कब्जे में हैं.
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