नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम् सुनवाई में निर्भया गैंगरेप में दोषी साबित हुए और एक दिन पहले रिहा हुए नाबालिग की रिहाई के खिलाफ DCW की याचिका को ख़ारिज कर दिया. कोर्ट ने साफ़ कहा कि दोषी के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता. कानून में नाबालिग के लिए 3 साल से ज्यादा की जेल नहीं है इसलिए उसे और जेल में रखने या सजा देने का कोई आधार नहीं है.
कोर्ट ने DCW को फटकार लगाते हुए कहा कि महिला सुरक्षा के लिए कोई कुछ नहीं करना चाहता. किसी एक को सजा देकर इस पूरे मसले से पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता.
भारत में कभी कानून नहीं बदलेगा: निर्भया की मां
हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने नम आंखों से कहा कि ‘मुझे पता था यही होगा. भारत में कभी कानून नहीं बदलेगा और महिलाओं को कभी इंसाफ नहीं मिलेगा. महिला सुरक्षा के लिए कोई कुछ नहीं करेगा. लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी. अब हम कानून बदलवाने की लड़ाई लड़ेंगे.
निर्भया के पिता ने भी फैसले पर निराशा जताई. उन्होंने कहा कि कोर्ट अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सकता था, पर नहीं किया. निर्भया केस से सबक न लेना दुर्भाग्य है.