नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद एक-एक करके अवैध अप्रवासी भारतीयों को वापस भेज रहे हैं। ट्रंप अब तक कुल 332 भारतीयों को निकाल चुके हैं। अमेरिका इन्हें हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां लगाकर भेज रहे हैं। कुछ सिखों का कहना है कि उनकी पगड़ी तक निकाल दी गई। अमेरिका भारतीयों को तो वहां से भेज रहा है लेकिन शपथ ग्रहण के बाद से एक भी अवैध चीनी को वहाँ से नहीं निकाला गया है। अब सवाल उठता है कि ट्रंप ऐसा कर क्यों रहे हैं?
ICE यानी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट डेटा के अनुसार नवंबर 2024 तक अमेरिका में 37,908 अवैध चीनी थे, उन्हें यहां से निकाला जाना था और भारतीयों की संख्या 18 हजार थी। इस तरह से देखें तो दोनों देश के बीच में दोगुना अंतर है लेकिन 2024 में सिर्फ 517 चीनी को उनके मुल्क वापस भेजा गया जबकि ट्रंप के आते ही 10 दिनों में 332 भारतीयों को वापस भेजा जा चुका है। वॉइस ऑफ़ अमेरका की माने तो चीन कई सालों से अपने अवैध अप्रवासियों को लेने से इंकार करता आया है।
चीन के अधिकारियों का कहना है कि हम उन्हीं अवैध अप्रवासियों को वापस लेंगे जो वेरिफिकेशन के बाद चीनी साबित होंगे। दूसरी सबसे बड़ी बात बताई जा रही है कि ट्रंप के खास एलन मस्क जो कि टेस्ला के मालिक हैं, उनकी सबसे बड़ी फैक्ट्री चीन के शंघाई में है। टेस्ला की 40 फीसदी बैटरी की सप्लाई चीनी कंपनियों पर निर्भर करता है। विदेशी मामलों की जानकार की माने तो चीन और अमेरिका दुनिया को दिखाने के लिए ट्रेड वॉर में उलझे हुए हैं। असल में इन दोनों देशों की अर्थव्यवस्था एक दूसरे पर टिकी हुई है। इनके सामने भारत की अर्थव्यवस्था काफी छोटी है, इसलिए अमेरिका चीन को लेकर ज्यादा हाथ-पांव नहीं मार रहा।
मोदी किसे सौंपेंगे दिल्ली की गद्दी, बीजेपी विधायक दल की बैठक आज, ये नाम सबसे आगे