अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलाने की धमकी दी है। हालांकि, इसके बाद यूरोपीय संघ के सैन्य प्रमुख रॉबर्ट ब्रिगर ने ग्रीनलैंड में यूरोपीय सैनिकों को तैनात करने और मुंहतोड़ जवाब देने का ऐलान कर दिया है.
नई दिल्ली। ग्रीनलैंड पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान पर विवाद गरमा गया है। ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलाने की धमकी दी है। उन्होंने डेनमार्क के पीएम से बातचीत में भी अपने बयान को दोहराया। लेकिन अब यूरोपीय संघ के मिलिट्री चीफ रॉबर्ट ब्रिगर ने इसके खिलाफ बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हम भी ग्रीनलैंड में सेना तैनात करेंगे। रॉबर्ट ब्रिगर ग्रीनलैंड को सुरक्षा मुहैया कराने वाली सैन्य समिति के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से चीन और रूस को साफ संदेश मिलेगा और वे ग्रीनलैंड को गलत नजर से नहीं देख पाएंगे।
दरअसल ग्रीनलैंड अमेरिका के लिए काफी अहम है। यहां के पिटुफिक स्पेस बेस पर 200 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। वे मिसाइलों पर नजर रखते हैं। यहां एक स्पेस कमांड सेंटर भी है, जहां से सैटेलाइट पर नजर रखी जाती है। जनरल ब्रिगर ने एक जर्मन अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि मेरी राय में ग्रीनलैंड में सिर्फ अमेरिकी सेना ही नहीं बल्कि यूरोपीय संघ के सैनिक भी तैनात होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे ग्रीनलैंड क्षेत्र की सुरक्षा मजबूत होगी। इस क्षेत्र में पिघलती बर्फ की चोटियों के नीचे कई महत्वपूर्ण खनिज हैं। रूस और चीन की इस पर नज़र है। वे किसी भी तरह से इसे हथियाना चाहते हैं। इससे तनाव इतना बढ़ सकता है कि युद्ध की स्थिति भी पैदा हो सकती है। इसलिए ग्रीनलैंड की सुरक्षा के लिए हमें यूरोपीय संघ के सैनिकों को भी तैनात करना होगा।
ग्रीनलैंड यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है। डेनमार्क, जो संघ के 27 सदस्यों में से एक है, इसकी सुरक्षा करता है। ट्रंप ने पहले भी कहा था कि वे हर कीमत पर ग्रीनलैंड को अपने साथ रखना चाहेंगे।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ग्रीनलैंड पर नियंत्रण हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम इसे हासिल करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि द्वीप के 57,000 निवासी हमारे साथ रहना चाहते हैं।
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