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कुलपति और असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में UGC करेगा बड़ा बदालव

UGC द्वारा प्रस्तुत नए मसौदे के अनुसार, उद्योग के विशेषज्ञों के साथ-साथ लोक प्रशासन, लोक नीति और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ पेशेवर जल्द ही कुलपति के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होंगे।

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  • January 8, 2025 11:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 day ago

नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नए दिशा-निर्देशों का मसौदा पेश किया है, जिसके तहत उद्योग, लोक प्रशासन और लोक नीति जैसे विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों के विशेषज्ञों को कुलपति बनने के लिए पात्र घोषित किया जा सकेगा। इसके साथ ही फैकल्टी भर्ती के मानदंडों में भी बदलाव किया गया है, जिससे उम्मीदवारों को आसानी से योग्य होने का अवसर मिलेगा।

नये मसौदे में क्या है

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा प्रस्तुत नए मसौदे के अनुसार, उद्योग के विशेषज्ञों के साथ-साथ लोक प्रशासन, लोक नीति और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ पेशेवर जल्द ही कुलपति के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होंगे। नए दिशा-निर्देश विश्वविद्यालयों में फैकल्टी मेंबर्स की नियुक्ति के मानदंडों में भी संशोधन करेंगे, जिसके तहत कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ ‘मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग’ (एम.ई.) और ‘मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी’ (एम.टेक.) में स्नातकोत्तर डिग्री रखने वाले लोगों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) पास किए बिना सहायक प्रोफेसर स्तर पर सीधे भर्ती होने की अनुमति दी जाएगी।

इसके अनुसार, उम्मीदवारों को उनकी उच्चतम शैक्षणिक विशेषज्ञता के आधार पर पढ़ाने की भी अनुमति होगी। उदाहरण के लिए, रसायन विज्ञान में पीएचडी, गणित में स्नातक की डिग्री और भौतिकी में मास्टर डिग्री वाले उम्मीदवार अब रसायन विज्ञान पढ़ाने के लिए पात्र होंगे।

ध्यान दें इन बातों पर

इसी तरह, जो लोग अपने पिछले शैक्षणिक विषयों से अलग किसी विषय में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा पास करते हैं, वे उस विषय को पढ़ा सकेंगे जिसमें उन्होंने नेट पास किया था। यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार के अनुसार, यूजीसी (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के उपाय) विनियम, 2025, 2018 के दिशा-निर्देशों की जगह लेंगे।

पहले क्या नियम था

पहले, कुलपति पद के लिए उम्मीदवारों को ऐसे प्रतिष्ठित शिक्षाविद होने की आवश्यकता थी, जिनके पास विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में या किसी प्रमुख शोध या शैक्षणिक प्रशासनिक भूमिका में कम से कम 10 साल का अनुभव हो। अब, ऐसे व्यक्ति जिनके पास उद्योग, लोक प्रशासन, लोक नीति या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कम से कम 10 वर्ष का वरिष्ठ स्तर का अनुभव है और जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा है, वे भी कुलपति के पद के लिए पात्र हैं।

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