HMPV वायरस का सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर है। सरकार ने भी सभी राज्यों को सतर्क रहने के दिशा-निर्देश जारी किये हैं। आइये जानते हैं कि घर पर माएं छोटे बच्चों को HMPV वायरस से कैसे सुरक्षित रखें-
नई दिल्ली। चीन में तबाही मचा रहे HMPV वायरस के भारत में भी मामले बढ़ रहे हैं। भारत में इसके अब तक 9 केस सामने आ चुके हैं। ज्यादातर मामले छोटे बच्चों में देखे गए हैं। इसका सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर है। सरकार ने भी सभी राज्यों को सतर्क रहने के दिशा-निर्देश जारी किये हैं। आइये जानते हैं कि घर पर माएं छोटे बच्चों को HMPV वायरस से कैसे सुरक्षित रखें-
नाक बहना
नाक का भरना
कफ होना
खांसी आना
सांस में घरघराहट
चेहरा और शरीर लाल
बुखार
बच्चों का बिस्तर साफ़ रखें
साबुन से हाथ धोते रहें।
बिना साफ़ हाथों के बच्चों को न छुएं
सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
बीमार लोगों के पास ज्यादा न रहें।
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएँ।
बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को न दें कोई दवाई।
HMPV वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, खांसने और छींकने से फैलता है। साथ ही अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाते हैं, किसी संक्रमित वस्तु को छूते हैं तब भी यह वायरस आपको पकड़ सकता है। इसके लक्षण संक्रमित होने के 3 से 4 दिन बाद दिखाई पड़ता है। इस वायरस का सबसे सामान्य लक्षण खांसी और बुखार है। इससे निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का भी खतरा है। शरीर पर रैशेज हो सकते हैं।
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