केजरीवाल का आरोप, जेटली ने संसद में बोला सफ़ेद झूठ

नई दिल्ली. दिल्ली सचिवालय पर सीबीआई छापे के बाद शुरू हुए विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर दावा किया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को संसद में झूठ बोला है. जेटली ने दावा किया था कि केजरीवाल के कार्यकाल से संबंधित किसी […]

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केजरीवाल का आरोप, जेटली ने संसद में बोला सफ़ेद झूठ

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  • December 16, 2015 10:53 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. दिल्ली सचिवालय पर सीबीआई छापे के बाद शुरू हुए विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर दावा किया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को संसद में झूठ बोला है. जेटली ने दावा किया था कि केजरीवाल के कार्यकाल से संबंधित किसी भी फ़ाइल की जांच नहीं की गई है जबकि केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली सरकार की कैबिनेट मीटिंग की डीटेल्स समेत उनके मूवमेंट की जानकारी वाला रजिस्टर भी सचिवालय से गायब है.
 
केजरीवाल ने आरोप लगाया गया कि सीबीआई ने डीडीसीए वाली फाइल की पड़ताल करने के लिए उनके दफ्तर में छापा मारा है. उन्होंने ट्वीट किया है कि सीबीआई मेरे दफ्तर में डीडीसीए की फाइलें पढ़ती रही. वो इसे ज़ब्त कर लेते लेकिन मेरी मीडिया ब्रीफिंग के बाद सीबीआई के लोग इस फाइल को वहीं छोड़ गए. यह साफ नहीं है कि क्या वे इसकी कोई कॉपी ले गए हैं.
 
केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा था- मेरे दफ्तर से दस्तावेज़ ज़ब्त किए हैं, जिनका इस मामले में लगाए गए आरोपों की जांच से कोई लेना-देना नहीं है. पिछले एक महीने की फाइल मूवमेंट का रजिस्टर इनमें से एक है. केजरीवाल ने ट्वीट करके पूछा है कि अरुण जेटली डीडीसीए मामले की जांच से क्यों डर रहे हैं. डीडीसीए घोटाले में उनका क्या रोल है? वैसे, अरविंद केजरीवाल ने डीडीसीए में भ्रष्टाचार को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली पर मंगलवार को भी आरोप लगाए. उन्होंने बताया कि इस मामले पर उन्होंने जांच कमेटी बिठा रखी थी, जिसकी रिपोर्ट आ गई है.
 

जेटली ने दी थी सफाई

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा था कि दिल्ली सरकार से जुड़े सिर्फ एक अफसर के खिलाफ करप्शन के केस में कार्रवाई हुई है. 14 जगहों पर छापा मारा गया है. अफसर की जांच हुई है. जब संबंधित अफसर केजरीवाल के ऑफिस में नहीं था, उससे पहले से उस पर आरोप है. केजरीवाल और टीएमसी को पहले मामले की जानकारी ले लेनी चाहिए थी.

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