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इस देश में पहले पूरी तरह से था हिन्दुओं का राज, अब सिर्फ बचे 50, मुसलमानों ने सबको भगा दिया!

1980 के दशक में अफगानिस्तान में हिंदू व्यापारिक समुदाय सक्रिय था, जो व्यापार और व्यवसाय के माध्यम से समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा था। लेकिन 1990 के दशक में तालिबान शासन के दौरान धार्मिक असहिष्णुता बढ़ी, जिससे हिंदू और सिख समुदायों को अपने देश छोड़ने पर मजबूर...

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Afghan Hindu
  • December 28, 2024 5:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 day ago

नई दिल्ली: अफगानिस्तान दक्षिण एशिया में स्थित एक ऐसा देश है, जो पूरी तरह से भूमि से घिरा हुआ है। वर्ल्ड मीटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान की कुल जनसंख्या 43 मिलियन से अधिक है।

हिंदू धर्म का अफगानिस्तान में आगमन

इतिहासकारों के बीच यह स्पष्ट जानकारी नहीं है कि अफगानिस्तान में हिंदू धर्म का आगमन कब और कैसे हुआ। हालांकि, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि हिंदू कुश क्षेत्र सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है, जो भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन संस्कृति का हिस्सा था। 1970 के दशक में, अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय का एक बड़ा हिस्सा था। उस समय अफगानिस्तान में हिंदू और सिखों की जनसंख्या लगभग 2 लाख थी, जो यह दर्शाता है कि इस देश में हिंदू धर्म और संस्कृति की समृद्ध विरासत थी।

1980 के दशक में हिंदू व्यापारिक समुदाय

1980 के दशक में अफगानिस्तान में हिंदू व्यापारिक समुदाय सक्रिय था, जो व्यापार और व्यवसाय के माध्यम से समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा था। लेकिन 1990 के दशक में तालिबान शासन के दौरान धार्मिक असहिष्णुता बढ़ी, जिससे हिंदू और सिख समुदायों को अपने देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इस कारण, 2020 तक अफगानिस्तान में हिंदुओं की संख्या घटकर केवल 50 रह गई थी, जबकि सिखों की संख्या लगभग 650 थी। पिछले 30 वर्षों में अफगानिस्तान के लगभग 99 प्रतिशत हिंदू और सिख लोग देश छोड़कर चले गए हैं।

हिंदू ग्रंथों में अफगानिस्तान का उल्लेख

हिंदू ग्रंथों में भी अफगानिस्तान का उल्लेख मिलता है। 2000-1500 ईसा पूर्व के बीच, वर्तमान अफगानिस्तान के इंडो-आर्यन लोग हिंदू धर्म का पालन करते थे। छठी शताब्दी तक, अफगानिस्तान एक हिंदू और बौद्ध बहुल देश था। सातवीं शताब्दी तक, अफगानिस्तान अविभाजित भारत का हिस्सा हुआ करता था। अफगानिस्तान के प्राचीन नामों में पख्तिया, खुरासान, आर्यानुम्र विजु और रोह शामिल थे। अफगानिस्तान में गांधार, कुंभा, वर्णु, सुवास्तु जैसे शहर थे। महाभारत और अन्य हिंदू ग्रंथों में अफगानिस्तान के गांधार महाजनपद का उल्लेख किया गया है। गांधारी, गुरु गोरखनाथ और संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान पाणिनि का जन्म भी प्राचीन अफगानिस्तान में हुआ था। आज भी वहां हिंदू नामों वाले स्थान जैसे कनिष्क, वेद, आर्यन और हिंदू कुश मौजूद हैं। अफगानिस्तान में इस्लामी आक्रमण के बाद, हिंदू धर्म का प्रभाव कम हो गया और इस्लाम प्रमुख धर्म बन गया।

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