शब्दों के जादूगर अटल बिहारी वाजपेई ने उनके भाषण पर जमकर हमला किया। भरे सदन में अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी इतनी आलोचना की कि मनमोहन सिंह को बुरा लग गया।
Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह राजनीतिक किस्सों को याद किया जा रहा है। हम आपको उनके राजनीतिक जीवन के उस घटना के बारे में बताएंगे जब अटल बिहारी वाजपेयी के तंज से वो इतने व्यथित हो गए थे कि इस्तीफा दे दिया था।
डॉक्टर मनमोहन सिंह नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। इस दौरान उन्होंने आर्थिक नीति में कई बदलाव किए। उनके आर्थिक नीति का ही नतीजा था कि देश में उदारीकरण के दरवाजे खुले। बतौर वित्त मंत्री साल 1992 में उन्होंने अपना बजट ड्राफ्ट तैयार किया था लेकिन पीएम राव ने उन्हें इसे दोबारा लिखने को कहा।
नए ड्राफ्ट के साथ उन्होंने संसद में बजट भाषण दिया। शब्दों के जादूगर अटल बिहारी वाजपेई ने उनके भाषण पर जमकर हमला किया। भरे सदन में अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी इतनी आलोचना की कि मनमोहन सिंह को बुरा लग गया। अटल के कड़वे शब्दों को दिल पर लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने इस्तीफे की पेशकश की।
नरसिम्हा राव ने जब उनकी बाते सुनी तो तुरंत वाजपेयी जी को फ़ोन लगाया। वाजपेयी मनमोहन सिंह से मिलने पहुंच गए। उन्हें जाकर समझाया कि विपक्ष के नेता होने के नाते उन्होंने ऐसा कहा। विपक्ष का काम है सरकार की आलोचना करना। उनके खिलाफ तीखे बयान देना। इन बातों को दिल पर लेने की जरूरत नहीं है। अटल जी की बातें सुनने के बाद मनमोहन सिंह ने अपना मन बदला और फिर इस्तीफा वापस लिया।
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