बता दें कि जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार 3 करोड़ की 8 गाड़ियां खरीदने जा रही है। इन गाड़ियों में 7 फॉर्च्यूनर और 1 रेंज रोवर शामिल होगी।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तीन करोड़ की 8 कार खरीदनों को लेकर निशाने पर आ गए हैं। श्रीनगर के पूर्व मेयर जुनैद मट्टू ने इसे लेकर सीएम उमर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यहां विधायकों को पहली सैलरी तक नहीं मिली है और सीएम साहब की राजशाही कम होने का नाम नहीं ले रही है।
श्रीनगर के पूर्व मेयर जुनैद मट्टू ने मुख्यमंत्री उमर पर निशाना साधते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट किया है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है, माननीय ड्यूक ऑफ एसेक्स के लिए 7 नई टोयोटा फॉर्च्यूनर और एक नई व्यक्तिगत रेंज रोवर डिफेंडर है। CM के काफिले में अब सिर्फ डल झील पर एक विमान और एक यॉट की कमी है। जम्मू-कश्मीर का दर्जा कम हुआ है, लेकिन अब्दुल्ला राजशाही का नहीं।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार 3 करोड़ की 8 गाड़ियां खरीदने जा रही है। इन गाड़ियों में 7 फॉर्च्यूनर और 1 रेंज रोवर शामिल होगी।
बताया जा रहा है कि 8 में से 4 गाड़ियों दिल्ली में रखी जाएंगी। सीएम उमर जब भी राष्ट्रीय राजधानी के दौरे पर रहेंगे वो इन गाड़ियों का इस्तेमाल करेंगे। वहीं, 2 गाड़ियां श्रीनगर और 2 गाड़ियां जम्मू में रखी जाएंगी।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि वो जम्मू का पूरा ध्यान रखेंगे। यही वजह है कि जम्मू का दौरा करने के लिए उन्होंने दो नई गाड़ियों को वहां रखने का फैसला लिया है। मालूम हो कि इससे पहले उमर अब्दुल्ला सरकार ने कहा था कि वह 150 साल से भी ज्यादा पुरानी दरबार मूव परंपरा को फिर से लाने जा रही है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद दरबार मूव परंपरा को फिर से शुरू करने की जानकारी दी है। सीएम उमर ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि जम्मू का अपना एक महत्व है और हम इसकी विशिष्ट पहचान को खत्म नहीं होने देंगे।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे नहीं समझ आ रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान बाकी पार्टियों ने यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया। हमने तो अपनी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र में दरबार मूव को वापस लाने का मुद्दा शामिल किया था।
दरबार मूव परंपरा के तहत गर्मियों में जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर रहती है. इसके बाद सर्दियों में राजधानी को जम्मू में शिफ्ट कर दिया जाता है। ऐसा सर्दी और गर्मी से बचने के लिए किया जाता है। राजधानी के ट्रांसफर होते रहने से श्रीनगर और जम्मू दोनों जगहों पर 6-6 महीने व्यापार काफी तेजी से होता रहता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो उमर अब्दुल्ला सरकार जल्द ही राजधानी शिफ्ट करने को लेकर आधिकारिक रूप से फैसला ले सकती है। सीएम अब्दुल्ला की कोशिश है कि कश्मीर के साथ-साथ जम्मू के लोगों को भी साधकर चला जाए। बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में जम्मू में उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा था।
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