हिंदू पंचांग के अनुसार, माता तुलसी की पूजा हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह माना जाता हैं कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है और उनकी पूजा से भगवान श्री विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है।
नई दिल्लीः सनातन धर्म में तुलसी पूजा का बहुत बड़ा महत्व है। कहते हैं कि इस दिन पूजा-अर्चना करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और साथ ही घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। यह दिन पूरी तरह से देवी तुलसी को समर्पित है। हिंदू धर्म में इस पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त व्रत रखकर माता तुलसी की पूजा करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, माता तुलसी की पूजा हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह माना जाता हैं कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है और उनकी पूजा से भगवान श्री विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है। अगर आप भी सुख-शांति की कामना करते हैं, तो आपको जरूर माता तुलसी की उपासना करनी चाहिए। तो जानिए इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को।
हिंदू पंचांग के अनुसार, तुलसी पूजा हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस साल पौष मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि 24 दिसंबर, दिन मंगलवार को शाम 7 बजकर 52 मिनट पे शुरू होगी और इस तिथि का समापन 25 दिसंबर दिन बुधवार के रात में 10 बजकर 29 मिनट पर होगा पंचांग के आधार पर तुलसी पूजा 25 दिसंबर को ही मनाया जाएगा।
भक्त सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। आज के दिन जरूर लाल रंग का वस्त्र धारण करें। अपने घरों के मंदिर में अच्छे से सफाई करें, मंदिरों को फूलों और रंगोलियों से सजाएं। माता तुलसी को जल अर्पित करें, कुमकुम लगाए और उनका 16 श्रृंगार करें। उन्हें फूल, माला, फल, पंचामृत धूप, दीप, लाल चुनरी, शृंगार की सामग्री और मिठाई आदि चीजें अर्पित करें। माता तुलसी मंत्रों का जाप और आरती करें। घर के सदस्यों व अन्य लोगों को प्रसाद बांटें। बड़े-बुजुर्ग का आशीर्वाद जरूर लें और जरूरतमंदों की मदद करें। जो लोग व्रत रखे ,वे सात्विक भोजन से ही व्रत खोलें।
1 . देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः,
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
2 . महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी,
आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
ये भी पढ़ेंः- आज का राशिफल: ग्रहों को बदलेगी की दिशा, बनेगा त्रिकोण योग