जयपुर जिले के कोटपूतली क्षेत्र में साढ़े तीन साल की बच्ची 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई, जिसे बचाने के लगतार प्रयास किए जा रहे है. प्रशासन ने रिंग रॉड, अंब्रेला तकनीक और एल बैंड का इस्तेमाल कर बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन हर बार असफलता हाथ लगी।
जयपुर: राजस्थान के जयपुर से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है। बता दें जयपुर जिले के कोटपूतली क्षेत्र में साढ़े तीन साल की बच्ची 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई, जिसे बचाने के लगतार प्रयास किए जा रहे है. बच्ची का नाम चेतना है, जो लगभग 150 फीट की गहराई पर अटकी हुई है, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक उसे बाहर निकालने में सफलता नहीं मिल पाई है। वहीँ चेतना सोमवार से उस गहरे गड्ढे में फंसी हुई है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) सहित स्थानीय प्रशासन जुटा हुआ है। हरियाणा से पाइलिंग मशीन मंगवाकर अब नई तकनीक से ऑपरेशन शुरू किया गया है। दो दिन से भूखी-प्यासी बच्ची का कोई मूवमेंट अब नजर नहीं आ रहा है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
प्रशासन ने रिंग रॉड, अंब्रेला तकनीक और एल बैंड का इस्तेमाल कर बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन हर बार असफलता हाथ लगी। सोमवार रात एल बैंड के जरिए बच्ची को 150 फीट से 120 फीट तक लाने में सफलता मिली, लेकिन इससे आगे बढ़ पाना मुश्किल हो गया। एनडीआरएफ ने बताया कि बच्ची के कपड़ों में उपकरण उलझने के कारण उसका सही तरीके से उपयोग नहीं हो सका।
रेस्क्यू टीम के साथ स्थानीय लोग भी बच्ची को बचाने में जुटे हुए हैं। वहीं प्रशासन ने क्षेत्र के खुले बोरवेल्स को लेकर चेतावनी जारी की है। भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश ने कहा कि क्षेत्र में खुले बोरवेल मिलने पर उनके मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही चेतना के दादा हरसहाय चौधरी ने प्रशासन पर रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मिट्टी हटाने और मशीन मंगाने में काफी समय बर्बाद किया गया है। बता दें घटना ने पूरे क्षेत्र कोहिला दिया है। प्रशासन बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। फिलहाल, ऑपरेशन जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही चेतना को सुरक्षित बचा लिया जाएगा।
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