कांबली का जीवन एक समय नशे की लत के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ और इसने न केवल उनकी व्यक्तिगत जिंदगी, बल्कि उनके क्रिकेट करियर को भी नुकसान पहुँचाया। एक समय कांबली ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह एक बार रणजी ट्रॉफी के मैच में हिस्सा लेने से पहले रात को 10 पैग शराब पीकर मैदान में उतरे थे।
नई दिल्ली: विनोद कांबली, जो भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख बल्लेबाज रहे हैं, इस समय स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें ब्रेन क्लॉट्स की समस्या बताई जा रही है। एक समय भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे रहे कांबली ने बहुत कम उम्र में ही सफलता की ऊंचाइयों को छुआ था, लेकिन उनका करियर अपेक्षाकृत जल्दी समाप्त हो गया।
कांबली का जीवन एक समय नशे की लत के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ और इसने न केवल उनकी व्यक्तिगत जिंदगी, बल्कि उनके क्रिकेट करियर को भी नुकसान पहुँचाया। एक समय कांबली ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह एक बार रणजी ट्रॉफी के मैच में हिस्सा लेने से पहले रात को 10 पैग शराब पीकर मैदान में उतरे थे। इसके बावजूद, उन्होंने उस मैच में शतक भी बनाया था। कांबली ने कहा कि वह शराब के आदी नहीं थे, बल्कि वह इसे केवल सामाजिक रूप से पीते थे। उन्होंने यह भी कहा कि ज़्यादा शराब पीने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि इस दौर में ज्यादातर लोग शराब पीते हैं।
विनोद कांबली ने एक बार बताया था कि एक दिन उन्होंने रात को 10 पैग शराब पी ली थी और अगले दिन रणजी ट्रॉफी मैच में शतक जड़ा। उनके कोच बलविंदर सिंह संधू इस पर हैरान रह गए थे कि कांबली इतनी शराब पीने के बाद भी समय पर उठकर शानदार प्रदर्शन कैसे कर पाए। कांबली का करियर शानदार था, लेकिन उतना लंबा नहीं चला। 1991 में शारजहा में पाकिस्तान के खिलाफ अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने के कुछ साल बाद उनका टेस्ट करियर समाप्त हो गया। हालांकि वह 2000 तक वनडे क्रिकेट में सक्रिय रहे। उन्होंने 17 टेस्ट मैचों में 54.20 की औसत से चार शतक और दो दोहरे शतक लगाए, जो सचिन तेंदुलकर के औसत (53.78) से भी अधिक था। वनडे में उन्होंने 104 मैचों में 32 की औसत से 3443 रन बनाए।
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