बांग्लादेश से एक वीडियो सामने आया, जिसमें प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल हई कानू का अपमान किया गया। कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के समर्थकों ने उन्हें जूतों की माला पहनाई और धमकाया।
नई दिल्लीः बांग्लादेश लगातार अपने पतन की ओर बढ़ रहा है। भारतीयों से हिंसा के बाद अब जाहिल बांग्लादेशियों को अपने मुल्क के लोगों से भी नफरत हो गई है। बांग्लादेश से एक वीडियो सामने आया, जिसमें प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल हई कानू का अपमान किया गया। कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के समर्थकों ने उन्हें जूतों की माला पहनाई और धमकाया।
घटना कोमिला जिले के चौडग्राम में हुई, जहां ‘बीर प्रतीक’ से सम्मानित अब्दुल हई कानू को उनके गांव लुडियारा लौटने पर निशाना बनाया गया। इस अपमानजनक कृत्य का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया है। जिसमें 10-12 लोग कानू को घेरकर उनसे माफी मांगने के लिए दबाव बना रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों ने उन्हें गांव छोड़ने की धमकी भी दी। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कानू को धमकाने वालों में से एक खूंखार आतंकवादी है, जो 2006 में दुबई गया था और यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के गठन के बाद वापस लौटा है। कानू ने आरोप लगाया कि जमात की राजनीति से जुड़े अबुल हशम मजूमदार और वाहिद मजूमदार ने हमले का नेतृत्व किया।
A proud freedom fighter, Abdul Hai Kanu, who served during the Liberation War, has been humiliated by being forced to wear a garland of shoes! Kanu, a revered freedom fighter from the Chauddagram upazila of Comilla, was abducted from his own home this morning by a group of… pic.twitter.com/qEIyIjKJ7Q
— Awami League (@albd1971) December 22, 2024
जमात-ए-इस्लामी 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए कुख्यात है। बांग्लादेशी मीडिया ने कानू के हवाले से कहा, “मैंने सोचा था कि इस बार मैं गांव में आराम से रह पाऊंगा। लेकिन उन्होंने मेरे साथ पाकिस्तानी जंगली जानवरों से भी ज्यादा हिंसक व्यवहार किया।” 1971 में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने के लिए कानू को बांग्लादेश के चौथे सबसे बड़े बहादुरी पुरस्कार ‘बीर प्रतीक’ से सम्मानित किया गया। कानू को 426 अन्य लोगों के साथ यह सम्मान दिया गया। चौडाग्राम थाना प्रभारी अख्तरुज जमान ने कहा कि हम आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई पकड़ा नहीं गया है। उन्होंने कहा, “हमने 12-14 अपराधियों की पहचान की है और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रहे हैं।”
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