Advertisement
  • होम
  • दुनिया
  • बांग्लादेश बोला हसीना को भेजो, भारत ने उठाया ऐसा कदम पड़ोसी मुल्क में हाहाकार

बांग्लादेश बोला हसीना को भेजो, भारत ने उठाया ऐसा कदम पड़ोसी मुल्क में हाहाकार

भारत और बांग्लादेश में तनातनी बढ़ती जा रही है. बांग्लादेश ने राजनयिक चिट्ठी भेजकर भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है. जवाब में भारत ने घुसपैठिए के वेष में आये बांग्लादेशियों को वापस भेजने की तैयारी कर ली है. दिल्ली के स्कूलों में छात्रों की पहचान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है और पुलिस टीम बनाकर झुग्गयों में छानबीन की जा रही है.

Advertisement
PM Modi, Seikh Hasina & Muhammad Yunus
  • December 23, 2024 9:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 hours ago

नई दिल्ली. बांग्लादेश ने अपदस्थ पीएम शेख हसीना को वापस भेजने के लिए भारत को ‘नोट वर्बल’ भेजा है, जिसे राजनयिक संदेश कह सकते हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री को वापस लाने के लिए भारत को औपचारिक तौर पर संदेश भेज दिया है. बांग्लादेश में हसीना के ऊपर 225 से अधिक मामले दर्ज हैं.

जवाब में भारत ने एक साथ कई कदम उठाये हैं और दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक ने राजधानी के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में छात्रों की पहचान सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं. इसके अलावा अलग अलग राज्यों में बांग्लादेशियों की पहचान की जा रही है जो घुसपैठिए के रूप में घुस आये हैं. इनकी संख्या दो करोड़ से अधिक बताई जा रही है.

बांग्लादेश बोला भारत हसीना लौटाए

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने स्पष्ट किया है कि बांग्लादेश की सरकार ने भारत सरकार को नोट वर्बल यानी कि एक राजनयिक चिट्ठी भेजी है। इस चिट्ठी में कहा गया है कि बांग्लादेश की सरकार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस लाना चाहती है, ताकि वह अपने देश में कानून का सामना कर सकें.

बांग्लादेश के गृह मंत्री जहांगीर आलम चौधरी ने भी शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर ऐसी ही बात कही है. उनका कहना है कि भारत-बांग्लादेश में अपराधियों की अदला-बदली को लेकर पहले से प्रत्यर्पण संधि है। इस समझौते के तहत शेख हसीना को वापस बांग्लादेश लाना चाहते हैं।

भारत में बांग्लादेशियों की धरपकड़ 

उधर भारत में बांग्लादेशियों पर कार्रवाई करने और वापस भेजने को लेकर अलग दबाव है. एक मुहिम यह चल रही है कि भारत बांग्लादेश में सैनिक हस्तक्षेप करे. इसी क्रम में राजधानी दिल्ली में बांग्लादेशियों की पहचान के लिए पुलिस ने कई टींमें बनाई है. डिटेंशन सेंटर बनाया गया है. स्कूलों में छात्रों की पहचान सुनिश्चित करने को निर्देश दिया गया है.

आपको बता दें कि 2004 में तत्कालीन सरकार ने संसद में भारत में रहने वाले बांग्लादेशियों की संख्या 1.2 करोड़ बताई थी. 2016 में यह संख्या 2 करोड़ के पार चली गई. यह जानकारी भी सरकार ने ही संसद में दी थी.

अनौपचारिक जानकारी के मुताबिक यह संख्या 3 करोड़ तक हो सकती है. घुसपैठिए के रूप में भारत में घुस आये बांग्लादेशी सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में और असम जैसे राज्यों में हैं. देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर में भी इनकी अच्छी तादाद है.

बांग्लादेशियों को वापस भेजना मुश्किल काम

अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को उनके देश वापस भेजने में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जो बिना पास्पोर्ट-वीजा के यहां आये हैं उन्हें बांग्लादेश अपना नागरिक नहीं मानता. ऐेसे में भारत के पास उन्हें वापस भेजने के लिए एक मात्र विकल्प यह है कि वह अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पहले चिन्हित करे और उनके डॉक्यूमेंट्स की जांच पड़ताल कर डिटेंशन सेंटर में रखे.

जब उनकी तादाद अच्छी-खासी हो जाए तो उन्हें सीमा पर ले जाकर बीएसएफ को सौंप दिया जाए. बीएसएफ जिस तरीके से वो आये हैं उसी तरीके से उनके देश में भेज देता है. अब सवाल यह है कि तनातनी के बाद यदि बांग्लादेश ऐसे लोगों को अपने देश में आने से रोकने के लिए सीमा पर चौकसी बढ़ाई तो भारत सरकार क्या करेगी?
Read Also-

अगर चुपचाप वापस नहीं किया तो हसीना को भारत से उठा ले जाएंगे! बांग्लादेश की सीधी धमकी

Advertisement